बर्मिंघम। विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता लक्ष्य सेन ने गुरुवार को यहां दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी एंडर्स एंटोनसेन को सीधे गेम में हराकर ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष एकल के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया, लेकिन पीवी सिंधू और साइना नेहवाल की दूसरे दौर में हार के साथ भारत की महिला एकल में चुनौती समाप्त हो गयी।
इस साल जनवरी में इंडिया ओपन का खिताब जीतने वाले और पिछले सप्ताह जर्मन ओपन के उप विजेता अल्मोड़ा के 20 वर्षीय सेन ने तीसरी वरीयता प्राप्त एंटोनसेन पर 21-16, 21-18 से जीत दर्ज की। एंटोनसेन विश्व चैंपियनशिप में दो बार के पदक विजेता हैं। सेन और एंटोनसेन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहली बार आमने सामने थे। क्वार्टर फाइनल में सेन का सामना चीन के लू गुआंग जू से होगा जिन्होंने हांगकांग के आठवें वरीय एनजी का लोंग एंगस को 21-10, 21-11 से हराया।
महिला एकल में हालांकि भारत को निराशा हाथ लगी। ओलंपिक में दो बार की पदक विजेता सिंधू और साइना का खराब प्रदर्शन जारी रहा और दोनों को तीन गेम तक चले संघर्षपूर्ण मैचों में हार झेलनी पड़ी। छठी वरीयता प्राप्त सिंधू को जापान की कम रैंकिंग की खिलाड़ी सयाका तकाहाशी से 19-21, 21-16, 17-21 से हार का सामना करना पड़ा। यह मैच एक घंटे छह मिनट तक चला। इससे पहले साइना भी तीन गेम तक चले रोमांचक मैच में दूसरी वरीयता प्राप्त जापानी खिलाड़ी अकाने यामागुची से हार गयी। विश्व की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी साइना को 50 मिनट तक चले मैच में यामागुची से 14-21 21-17 17-21 से हार का सामना करना पड़ा। साइना पिछले सप्ताह जर्मन ओपन में थाईलैंड की रत्चानोक इंतानोन से सीधे गेम में हार गयी थी। पुरुष एकल में किदाम्बी श्रीकांत इंडोनेशिया के पांचवी वरीयता प्राप्त एंथनी सिनिसुका गिटिंग के खिलाफ शुरुआती बढ़त का फायदा नहीं उठा पाये तथा एक घंटे से अधिक समय तक चले मैच में 21-9, 18-21, 19-21 से हारकर बाहर हो गये। सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पांचवीं वरीयता प्राप्त भारतीय युगल जोड़ी ने हालांकि अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। सात्विक और चिराग की जोड़ी ने जर्मनी के मार्क लम्सफस और मार्विन सिडेल को केवल 27 मिनट में 21-7, 21-7 से करारी शिकस्त दी। उनका अगला मुकाबला अब मार्कस फर्नाल्डी गिडियोन और केविन संजय सुखामुलजो की शीर्ष वरीयता प्राप्त इंडोनेशियाई जोड़ी से होगा। पुरुष एकल में सेन ने अपनी तकनीकी दक्षता का शानदार नमूना पेश किया तथा एंटोनसेन को नेट से दूर रखा। उन्होंने पहले गेम में ब्रेक तक 11-9 से बढ़त हासिल कर ली थी। इसके बाद भी उन्होंने अपनी बढ़त बरकरार रखी तथा पहला गेम आसानी से अपने नाम किया।
दूसरे गेम में सेन ने 9-5 की बढ़त बनायी और ब्रेक तक भी चार अंक की बढ़त कायम रखी। एंटोनसेन ने लगातार छह अंक बनाकर स्कोर 14-14 किया जिसके बाद यह 16-16 हो गया। सेन ने जल्द ही दो अंक बनाकर 18-16 से बढ़त बनायी और क्रास कोर्ट स्मैश से तीन मैच प्वाइंट हासिल किये।
एंटोनसेन ने लंबी रैली के बाद एक मैच प्वाइंट बचाया लेकिन इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने उन्हें मौका नहीं दिया और अंतिम आठ में अपनी जगह सुरक्षित की। श्रीकांत को गिटिंग से पहला गेम जीतने में किसी तरह की परेशानी नहीं हुई। उन्होंने ब्रेक तक 11-5 से बढ़त बना रखी थी और इसके बाद भी अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखकर बड़ी आसानी से पहला गेम जीता।
गिटिंग ने हालांकि दूसरे गेम में शानदार वापसी की। उन्होंने शुरू में बढ़त बनायी लेकिन श्रीकांत ने स्कोर 5-5 से बराबर किया और फिर ब्रेक तक 11-10 की मामूली बढ़त बनायी। इसके बाद दोनों खिलाड़ियों में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। गिटिंग ने हालांकि पहले गेम प्वाइंट पर ही मैच को बराबरी पर ला दिया। तीसरे और निर्णायक गेम में शुरू में दोनों खिलाड़ियों के बीच खास अंतर नहीं था लेकिन इंडोनेशियाई खिलाड़ी ने बीच में लगातार छह अंक बनाकर 15-9 से बढ़त हासिल कर दी। श्रीकांत ने जल्द ही स्कोर पहले 14-16 और 18-18 किया लेकिन वह गिटिंग को जीत से नहीं रोक पाये।