IOC President: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) में एक बार फिर से गुटबाजी देखने को मिली। शनिवार को उपाध्यक्ष और पूर्व ओलंपियन आदिल सुमरिवाला ने दावा किया कि कार्यकारी परिषद द्वारा उन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, लेकिन महासचिव राजीव मेहता की तरफ से आईओए संविधान के अनुसार इसे ‘तर्कहीन’ करार दिया गया।
आदिल ने खुद को बताया आईओए अध्यक्ष
अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) अध्यक्ष थॉमस बाक और आईओए सदस्यों को लिखे पत्र में सुमरिवाला ने कहा कि उन्हें “जुलाई 2022 के पत्र के माध्यम से कार्यकारी परिषद के ज्यादातर सदस्यों द्वारा मिलकर आईओए अध्यक्ष चुना गया है।“ उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने 18.07.2022 को निजी कारणों से इस पद से इस्तीफा दे दिया था जिससे यह पद खाली हो गया। इसके बाद 31 में से 18 कार्यकारी सदस्यों ने आईओए संविधान के अनुच्छेद 11.1.5 के अनुसार इस पद को भरने के लिये मिलकर हस्ताक्षर करने वाले (उन्हें) को चुना।’’
आईओए के नौ उपाध्यक्षों में से एक और भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के भी अध्यक्ष सुमरिवाला ने कहा, ‘‘मैं कार्यकारी परिषद के ज्यादातर सदस्यों द्वारा चुने जाने के बाद आईओए अध्यक्ष पद को स्वीकार करता हूं।’’
महासचिव ने उठाए सवाल
वहीं मेहता ने कहा कि आईओए की कार्यकारी परिषद दिसंबर 2021 से ही अस्तित्व में नहीं है क्योंकि अधिकारियों के चुनाव कराये जाने हैं और केवल सीनियर उपाध्यक्ष ही चुनाव तक अध्यक्ष पद पर बैठ सकता है। मेहता ने पूछा, ‘‘कार्यकारी परिषद (2017-21) का कार्यकाल दिसंबर 2021 में समाप्त हो गया था, फिर कार्यकारी परिषद के ज्यादातर सदस्यों का उन्हें (सुमरिवाला को) नियुक्त करने का सवाल ही कहां पैदा होता है?’’
उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘यहां तक कि आईओए की आधिकारिक बैठक के लिये भी अदालत से अनुमति ले रहे हैं ताकि आईओसी पत्र से उठने वाले मुद्दों पर चर्चा की जा सके क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में चुनावों से संबंधित मामला लंबित है। इसलिए सुमरिवाला का दावा आईओए संविधान और देश की कानूनी प्रक्रिया के भी खिलाफ है।“