भारत के दिग्गज निशानेबाज अभिनव बिंद्रा को ओलिंपिक ऑर्डर अवॉर्ड मिलने जा रहा है। बिंद्रा को ओलंपिक आंदोलन में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इंटरनेशनल ओलिंपिक कमेटी (IOC) 10 अगस्त को पेरिस में आयोजित अवॉर्ड सेरेमनी में उन्हें इस अवॉर्ड से सम्मानित करेग। बता दें, ये सिर्फ अभिनव बिंद्रा ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए काफी खास पल ह। वह इस अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय होंगे।
अभिनव बिंद्रा के लिए खास दिन
IOC के प्रेसिडेंट थॉमस बाच ने अभिनव बिंद्रा को पहले ही पत्र लिखकर यह जानकारी दी थी कि IOC एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने तय किया है कि आपको ओलिंपिक मोमेंट की सराहनीय सेवा के लिए ओलिंपिक ऑर्डर से सम्मानित किया जाए। इससे पहले, पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को यह अवॉर्ड दिया जा चुका है। बता दें, अब तक 116 हस्तियों को गोल्ड ओलिंपिक ऑर्डर मिला है। साल 1983 में मुंबई में आयोजित अवॉर्ड सेरेमनी में इंदिरा गांधी को यह अवॉर्ड दिया गया था।
क्या होता है ओलंपिक ऑर्डर अवॉर्ड?
1975 में स्थापित ओलंपिक ऑर्डर, ओलंपिक आंदोलन का सर्वोच्च पुरस्कार है, जो ओलिंपिक मोमेंट में विशेष योगदान के लिए दिया जाता है। पहले यह अवॉर्ड तीन कैटेगरी- गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज में दिया जाता था। लेकिन 1984 में ये तय किया गया कि आगे यह अवॉर्ड गोल्ड कैटेगरी में राष्ट्र प्रमुखों और विशेष योगदान देने वाली हस्तियों को दिया जाएगा। परंपरागत रूप से, IOC हर ओलंपिक गेम्स के समापन समारोह में मुख्य राष्ट्रीय आयोजकों को ओलंपिक ऑर्डर प्रदान करता है। बता दें, अभिनव बिंद्र फाउंडेशन के माध्यम से भारतीय खेलों को आगे बढ़ा रहे हैं।
ओलंपिक में भारत के लिए जीता गोल्ड
अभिनव बिंद्रा ओलपिंक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं। 25 साल की उम्र में अभिनव बिंद्रा ओलिंपिक खेलों में व्यक्तिगत गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने थे, जिन्होंने 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में बीजिंग में आयोजित हुए ओलिंपिक 2008 में सोने पर निशाना लगाया था। बिंद्रा ने 15 साल की उम्र में 1998 कॉमनवेल्थ खेलों में हिस्सा लिया था। उस समय वह इन खेलों में शामिल होने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे।
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