Paris Olympics 2024 Abhinav Bindra: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारत ने 6 मेडल जीते हैं। जिसमें एक सिल्वर और पांच ब्रॉन्ज मेडल पदक शामिल हैं। भारत के लिए जैवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया है। वहीं मनु भाकर ने शूटिंग में दो ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। वह भारत के लिए एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली महिला प्लेयर हैं। उनसे पहले ऐसा कोई भी नहीं कर पाया था। अब साल 2008 ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतने वाले अभिनव बिंद्रा ने मनु भाकर और नीरज चोपड़ा की तारीफ की है।
अभिनव बिंद्रा मनु भाकर की तारीफ की
अभिनव बिंद्रा ने इंडिया टीवी से कहा कि हमारे एथलीट ने जज्बा दिखाया। भले ही हमने केवल छह पदक जीते हैं, मुझे लगता है कि हमारे एथलीटों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। जिन्होंने मेडल नहीं जीते। वह भी मेडल के करीब पहुंचे। मुझे नहीं लगता कि हमारे ओलंपिक में इतिहास में हमने इतने एथलीटों को पदक की प्रबल दावेदारी में देखा है।
मनु भाकर ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है। उनसे कठिनाइयों का डटकर सामना किया। टोक्यो में असफलता के बाद उसे मजबूत वापसी करते हुए देखना खुशी की बात है। उसका टोक्यो ओलंपिक में एक कठिन अनुभव था लेकिन उसने दिखाया है कि वह एक वास्तविक खिलाड़ी है और कड़ी मेहनत करती रही। दो ब्रॉन्ज मेडल जीतना अच्छा है। बिंद्रा ने नीरज चोपड़ा पर कहा कि उसकी सफलता शानदार है। वह बेहरीन एथलीट है। देश को गर्व है।
ओलंपिक में ज्यादा भारतीय प्लेयर्स करें क्वालीफाई: बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा ने कहा कि मुझे लगता है कि ओलंपिक में हमारे लेवल में सुधार हुआ है। मैंने ओलंपिक में भारत के एथलीट्स को इतना प्रतिस्पर्धी नहीं देखा। यह एक अच्छा साइन है। हमारे पास काफी सारे युवा प्लेयर्स हैं। हम राइट ट्रेक पर हैं। हमें और मेहनत करने की जरूरत है। पेरिस ओलंपिक में हमारे 117 प्लेयर्स ने हिस्सा लिया। लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक में हमें भारतीय दल को बड़ा करने की जरूरत है। यदि ज्यादा प्लेयर्स ओलंपिक में क्वालीफाई करते हैं, तो मेडल जीतने के चांस ज्यादा होते हैं।
गेम क्रूर हो सकता है: बिंद्रा
स्पोर्ट्स समय लेता है। ओलंपिक चार साल में एक बार होता है और यहां पर प्रतिस्पर्धा कठिन होती है। हमें जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है। अगर हम आज शुरू करेंगे, तो उनका रिजल्ट हमें 2028 और 2032 में मिलेगा। आपको एक ऐसा माहौल बनाना होगा जो प्रदर्शन के लिए अनुकूल हो। विनेश फोगाट के लिए कहा कि यह दिल को हिलाने वाला अनुभव था। कभी-कभी खेल क्रूर हो सकता है। मुझे उसके लिए बुरा लगा है। मैं उससे मिलने गया और उससे सहानुभूति व्यक्त की। स्पोर्ट्स हमेशा नियम से चलता है। अगर नियम नहीं हैं, तो यह स्पोर्ट्स नहीं है। अब मैटर CAS में है।
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