Highlights
- नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में जीता था गोल्ड मेडल
- ओलंपिक के ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय थे नीरज
- नीरज चोपड़ा ने 87.58 मीटर की दूरी तय कर जीता था स्वर्ण
75th Independence Day: 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद से कुल 17 ओलंपिक खेलों में भारत ने हिस्सा लिया। 1948 के लंदन ओलंपिक में भारत ने एक स्वतंत्र देश के तौर पर हिस्सा लिया था। इसके बाद से 16 संस्करण बीत गए लेकिन देश को कभी एथलेटिक्स के ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में मेडल नहीं मिला। लेकिन टोक्यो ओलंपिक में यह सात दशकों से भी ज्यादा का इंतजार खत्म हुआ और भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने देश को पहली बार ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में ओलंपिक मेडल दिलाया। उनकी शान इससे और बढ़ी कि यह मेडल गोल्डन था।
भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर तैनात नीरज चोपड़ा ने जब टोक्यो के खेल गांव में 87.58 मीटर की दूरी पर भाला फेंका। तो उसका असर भारत में बैठे हर भारतवासी के जोश में भी देखने को मिला। नीरज ने इतिहास रच दिया था और उन्होंने वो कर दिखाया था जो मील्खा सिंह, पीटी उषा, अंजू बॉबी जॉर्ज जैसे भारत के बड़े-बड़े एथलीट्स नहीं कर पाए थे। उन्होंने भारत को ओलंपिक में पहली बार एथलेटिक्स के ट्रैक एंड फील्ड इवेंट का मेडल दिलाया था। उनकी यह उपलब्धि स्वतंत्र भारत के लिए एक सबसे अनमोल और सुनहरा अवसर था।
इस वक्त पूरा देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस दौरान पिछले 75 सालों में देश के नाम दर्ज हुई हर उपलब्धि को याद किया जा रहा है। उनमें से ही एक है नीरज चोपड़ा की टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने की उपलब्धि। नीरज भारत के लिए ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले दूसरे व्यक्तिगत खिलाड़ी हैं। उनसे पहले 2008 में अभिनव बिंद्रा ने भी शूटिंग में गोल्ड मेडल जीता था। 7 अगस्त 2021 से पहले शायद कुछ ही लोग नीरज चोपड़ा के नाम से परिचित थे। लेकिन आज भारतीय सेना का यह जाबांज जवान हर भारतवासी का हीरो है।
नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरयाणा के पानीपत स्थित एक छोटे से गांव खांद्रा में एक किसान के घर में हुआ था। नीरज के पिता सतीश कुमार पेशे से एक छोटे किसान हैं और उनकी माता सरोज देवी एक गृहणी हैं। जैवलिन थ्रो में नीरज की रुचि तब ही आ चुकी थी जब वह केवल 11 वर्ष के थे और पानीपत स्टेडियम में जय चौधरी को प्रैक्टिस करते देखा करते थे। नीरज चोपड़ा एक भारतीय एथलिट होने के साथ-साथ भारतीय सेना में नायब सूबेदार पद पर भी तैनात हैं। उन्हें सेना में रहते हुए अपनी बहादुरी के लिए सेना के विशिस्ट सेवा मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है।
नीरज चोपड़ा की बड़ी उपलब्धियां
टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक जीतने वाले जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा इसके अलावा वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। वह वैश्विक स्पर्धा में अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद मेडल जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। वहीं नीरज चोपड़ा एशियन गेम्स, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशियन गेम्स और वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं। इसलिए आजादी के इस अमृत महोत्सव पर अगर देश को गौरवांवित करने वाले लोगों की बात होगी तो नीरज चोपड़ा का नाम उनमें से एक होगा।