नयी दिल्ली: भारतीय टेबल टेनिस ने साल 2018 में विश्व में अपनी खास पहचान बनायी। मनिका बत्रा ने राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन किया वहीं एशियाई खेलों में भारत ने दो ऐतिहासिक पदक हासिल किये। भारत के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी शरत कमल ने इस साल में टेबल टेनिस में भारतीय प्रदर्शन के बारे में कहा, ‘‘दो पदकों की तो बात छोड़िये अगर साल के शुरू किसी ने कहा होता कि हम एशियाई खेलों में एक पदक जीतेंगे तो मैं उसे मजाक समझता। यह इस तरह का साल रहा। यह मेरे लिये और भारतीय टेबल टेनिस के लिये सर्वश्रेष्ठ साल रहा।’’
शरत की अगुवाई वाली भारतीय पुरूष टीम ने जकार्ता एशियाई खेलों में ब्रॉन्ज मेडल जीता। उसने क्वार्टर फाइनल में जापान को हराया था। यही नहीं शरत और मनिका ने मिश्रित युगल में भी ब्रॉन्ज मेडल हासिल किया। एशियाई खेलों में टेबल टेनिस को 1958 में शामिल किया गया था और यह पहला मौका था जबकि भारत इसमें पदक जीतने में सफल रहा।
इस खेल ने जहां लंबी छलांग लगायी वहीं भारत को मनिका के रूप में एक नयी स्टार भी मिली। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में महिला टीम और महिला एकल में गोल्ड मेडल सहित कुल चार मेडल जीते। मनिका ने महिला एकल में विश्व की नंबर चार खिलाड़ी सिंगापुर फेंग तियानवी को दो बार हराया। अपने इस प्रदर्शन के कारण उन्होंने अंतरराष्ट्रीय टेबल टेनिस महासंघ (आईटीटीएफ) का उदीयमान स्टार का पुरस्कार भी जीता।
शरत और साथियान ने भी साल के आखिर में अपनी सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग हासिल की। शरत ताजा रैंकिंग में 30वें और साथियान 31वें स्थान पर हैं।
भारतीय खिलाड़ी अगले साल ओलंपिक क्वालीफिकेशन को ध्यान में रखकर 14 से 16 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेंगे। भारत का लक्ष्य अब ओलंपिक में पदक जीतकर इतिहास रचना होगा और खिलाड़ियों ने इसकी उम्मीदें जगा दी है।
भारत इससे पहले अर्जेंटीना में युवा ओलंपिक में पदक जीतने के करीब पहुंच गया था। युवा अर्चना कामत ब्रॉन्ज मेडल के प्लेआफ मैच में कड़ी चुनौती पेश करने के बावजूद हार गयी थी।