नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल के लिए साल 2018 शानदार रहा जिसकी सबसे बड़ी उपलब्धि अंडर 20 टीम की 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए अर्जेंटीना जैसी मजबूत टीम को हराकर हासिल की गई जीत रही। दुनिया को लियोनल मेस्सी और डिएगो माराडोना जैसे दिग्गज फुटबॉलर देने वाले दो बार के विश्व चैम्पियन अर्जेंटीना के लिए यह साल खराब रहा। विश्व कप के क्वार्टरफाइनल में फ्रांस के हारकर टीम का निराशाजनक सफर खत्म हुआ। फ्रांस फाइनल में क्रोएशिया को हराकर इसका चैम्पियन बना। क्रोएशिया की टीम विश्व कप में अंतिम बाधा को पार करने से चूक गयी लेकिन उन्होंने अपने खेल से दुनियाभर के फुटबॉल प्रेमियों का दिल जीता। टीम के कप्तान लुका मोड्रिच को अपने देश और क्लब (रीयाल मैड्रिड) के लिए शानदार प्रदर्शन करने के लिए बेलोन डि‘ओर से नवाजा गया।
भारतीय फुटबॉल का सफर
भारतीय फुटबॉल की बात करें तो कोच फ्लायड पिंटो की अंडर 20 भारतीय टीम ने ऐसा कर दिखाया जिसकी किसी को उम्मीद नहीं थी। टीम ने अगस्त में स्पेन के वेलेंसिया में कोटीफ कप के मैच में अर्जेंटीना को 2-1 से हराया। यह जीत और भी बड़ी थी क्योंकि विश्व कप खेल चुके पाब्लो एइमर की देखरेख में खेलने वाली अर्जेंटीना के खिलाफ भारतीय टीम मैच के 40 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेल रही थी। अर्जेंटीना के खिलाफ भारत की जीत ने फुटबॉल की दुनिया में देश का मान बढ़ाया तो वहीं युवा खिलाड़ियों के लिए दुनिया की बेहतरीन टीमों के साथ लगातार खेलने का मौका उपलब्ध कराया। मैच के बाद पिंटो ने कहा, ‘‘ अर्जेंटीना (इस खेल में) हमसे मीलों आगे है।’’
भारत की अंडर-16 टीम ने लहराया परचम
भारत की अंडर-16 टीम भी सफलता के मामले में अंडर-20 टीम से ज्यादा पीछे नहीं थी जिसने अम्मान में आमंत्रण टूर्नामेंट में एशिया की बड़ी टीम ईरान को हराया। खास बात यह है कि स्पेन में अर्जेंटीना पर मिली जीत के चार घंटों के बाद ही अंडर-16 टीम ने इस सफलता को हासिल किया। टीम हालांकि 2019 में होने वाले अंडर-17 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने के बेहद करीब पहुंचकर चूक गयी। क्वालीफायर्स के क्वार्टर फाइनल में टीम कोरिया से 0-1 से हारकर बाहर हो गयी थी।
सीनियर फुटबॉल टीम ने रचा इतिहास
पिछले साल अंडर 17 विश्व कप की मेजबानी करने वाले भारत की युवा टीमों की सफलता ने यह साबित किया की देश में प्रतिभा की कमी नहीं और इस खेल में हम 'स्लीपिंग जायंट्स' से 'पैशनेट जायंट्स' बनने की तरफ बढ़े हैं। सीनियर टीम ने भी कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन की देखरेख में एएफसी 2019 एशियाई कप की तैयारियों के मद्देनजर कई मैच खेले और शानदार प्रदर्शन किया। एएफसी एशियाई कप में भारत के ग्रुप में मेजबान यूएई, थाईलैंड और बहरीन जैसी टीमें हैं। ग्रुप चरण में सफलता हासिल करने के बाद टीम को जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, ईरान और सऊदी अरब जैसी महाद्वीप की बड़ी टीमों से भिड़ने का मौका मिलेगा। कांस्टेनटाइन ने साफ कर दिया है कि पांच जनवरी से एक फरवरी तक चलने वाली इस महाद्वीपीय प्रतियोगिता में अपनी छाप छोड़ने के लिए खिलाड़ियों को अपना सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खेलना होगा। टूर्नामेंट से पहले भारत ने चीन जैसी बड़ी टीम के साथ गोल रहित ड्रा खेला है जिससे उनका हौसला बढ़ेगा। चीन के कोच विश्व कप विजेता इटली के मार्सेलो लिप्पी हैं।
सुनील छेत्री की अपील से हुआ बड़ा असर
इससे पहले भारत में हुए टूर्नामेंट में कप्तान सुनील छेत्री की प्रशंसकों से की गयी अपील का काफी असर हुआ और मुंबई में मैच देखने के लिए मैदान में बड़ी संख्या में दर्शक पहुंचे। छेत्री ने सोशल मीडिया के जरीये प्रशंसकों से मैदान में आकर उनके सामने टीम के प्रदर्शन की आलोचना करने की अपील की। उनके इस ट्वीट को 60,000 से ज्यादा बार रीट्वीट किया गया था। भारत ने इस टूर्नामेंट में न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका और कीनिया जैसे देशों को हराकर खिताब जीता। टूर्नामेंट के फाइनल में छेत्री ने देश के लिए अपना 64वां गोलकर सक्रिय फुटबॉलरों में अंतरराष्ट्रीय गोल के मामले में मेस्सी की बराबरी की। घरेलू फुटबॉल में रीयल कश्मीर शीर्ष लीग में खेलने वाली घाटी की पहली टीम बनी। उन्होंने आईलीग में शानदार प्रदर्शन किया है और टीम तालिका में दूसरे स्थान पर है।