नई दिल्ली। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने यहां तनाव के बीच मंगलवार को हुए 74 किलोवर्ग के ट्रायल में जितेंदर कुमार को 4.2 से हराकर विश्व चैम्पियनशिप के लिये भारतीय टीम में जगह बनाई। दोनों पहलवानों ने आक्रामक तेवरों के साथ खेले गए फाइनल में एक दूसरे पर लगातार हमले किये। आईजीआई स्टेडियम पर यह मुकाबला देखने के लिये करीब 1500 दर्शक जमा थे। सुशील ने पहले पीरियड में 4.0 की बढत बना ली।
दूसरे पीरियड में जितेंदर की आंख में चोट लग गई थी। करीब एक साल बाद मैट पर लौटे सुशील ने तुरंत इसके लिये माफी मांगी। इसके बाद सुशील के एक और आक्रामक दाव से जितेंदर की कोहनी में चोट लगी और वह कराहते दिखे। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और सुशील का दाहिना पैर तीन बार पकड़ लिया लेकिन पकड़ ढीली होने से वह इसे अंकों में नहीं बदल सके। सुशील को मुकाबले के बीच में दो मेडिकल ब्रेक लेने पड़े। जितेंदर ने दो पुशआउट अंक लेकर हार का अंतर कम किया।
जितेंदर को 79 किलोवर्ग में भी विश्व चैम्पियनशिप का टिकट कटाने का मौका मिलेगा जो आज के विजेता वीरदेव गुलिया को चुनौती देंगे। जितेंदर ने मुकाबले के बाद कहा, ‘‘सभी ने देखा कि वह (सुशील ने) किस तरह से लड़ा। मैं कुश्ती लड़ रहा था और मुझे आंख में चोट लगने के बाद दिखना मुश्किल हो गया था। वह अनावश्यक ब्रेक भी ले रहा था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक या दो दिन में मैं फिट हो जाऊंगा। मैं 79 किलोवर्ग में टीम में जगह बनाने की कोशिश करूंगा।’’ जितेंदर के कोच जयवीर ने भी सुशील पर ईमानदारी से मुकाबला नहीं लड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘उसने जान बूझकर ऐसा किया। वह लगातार ऐसा करता आ रहा है। उसने 2012 ओलंपिक में भी यही किया था। रैफरी भी उसके साथ थे। वे नहीं चाहते थे कि सुशील के खिलाफ कोई और जीते।’’
सुशील ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा, ‘‘मैंने जान बूझकर नहीं किया। वह मेरे छोटे भाई जैसा है। यह अच्छा मुकाबला था और ऐसे मुकाबले होते रहने चाहिये।’’ भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह ने भी सुशील का समर्थन किया। उन्होंने कहा, ‘मुकाबले में कोई खराबी नहीं थी। जब विनेश फोगाट का घुटना टूटा तो क्या उसकी प्रतिद्वंद्वी का रवैया बेकार था। कुश्ती में ऐसा होता है। कोई भी पहलवान हाथ बांधकर मैट पर नहीं उतरता।’’
डब्ल्यूएफआई सहायक कोच विनोद तोमर से पूछा गया कि क्या ट्रायल्स जीतने के बाद भी गुलिया को दोबारा मुकाबला लड़ने के लिये कहना उचित होगा, उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी एक पहलवान का पक्ष लेने से जुड़ा हुआ नहीं है। हम मजबूत टीम भेजना चाहते हैं। जितेंद्र बेहतरीन पहलवान है और उसे विश्व चैंपियनशिप में खेलने का मौका मिलना चाहिए।’’
राहुल अवारे (61 किलो), करण (70किलो), प्रवीण (92 किलो) और वीरदेव गुलिया(79 किलो) ने गैर ओलंपिक वर्ग में ट्रायल जीते। पुणे के अवारे ने पहले नवीन को 9-6 से हराया और फिर रविंदर को 6-2 से पराजित करके फाइनल में जगह बनायी। ट्रायल्स के बाद विश्व चैंपियनशिप के लिये भारतीय पुरूष फ्रीस्टाइल टीम इस प्रकार है: 57 किग्रा: रवि दहिया, 61 किग्रा: राहुल अवारे, 65 किग्रा: बजरंग पूनिया, 70 किग्रा: करण, 74 किग्रा: सुशील कुमार, 79 किग्रा: जितेन्द्र या वीरदेव गुलिया, 86 किग्रा: दीपक पूनिया, 92 किग्रा: प्रवीण, 97 किग्रा: मौसम खत्री, 125 किग्रा: सुमित मलिक।