भारतीय पहलवान सुमित मलिक ने डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर उन पर लगाये गए दो साल के प्रतिबंध को चुनौती देने का फैसला किया है और वह सजा में कटौती की मांग करेंगे ताकि अगले साल राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले सकें। राष्ट्रमंडल खेल 2018 के स्वर्ण पदक विजेता सुमित पर युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने शुक्रवार को दो साल का प्रतिबंध लगा दिया जब उनके दूसरे नमूने में भी प्रतिबंधित पदार्थ के अंश पाये गए।
तोक्यो ओलंपिक में 125 किलोवर्ग में क्वालीफाई कर चुके सुमित ने स्वीकार किया कि वह शरीर में प्रतिबंधित पदार्थ पाये जाने के लिये जिम्मेदार हैं लेकिन उनका उद्देश्य बेईमानी नहीं था। वह अपील करेंगे कि उनकी सजा घटाकर छह महीने की कर दी जाये।
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सुमित के करीबी सूत्रों ने बताया कि उन्होंने एक खास सप्लीमेंट अमेरिका में जांच के लिये भेजा है। इसके साथ ही वह दवा भी भेजी है जो सुमित ने ली थी ताकि यह पता किया जा सके कि क्या वह पदार्थ इनके जरिये उसके शरीर में आया है।
सूत्र ने कहा ,‘‘ हम बचाव तैयार कर रहे हैं और दो साल के प्रतिबंध को चुनौती देने के लिये तैयार हैं। सुमित एक सप्लीमेंट और कोरोना की दवा ले रहा था। शायद उनके मार्फत वह पदार्थ उसके शरीर में आया हो । हम सजा में कटौती की मांग करेंगे।’’
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उन्होंने कहा ,‘‘ हमने वाडा से और सूचना मांगी है। सुमित के ए नमूने में पदार्थ की मात्रा नाममात्र की थी। हमने बी नमूने का ब्यौरा भी मांगा है। यह साफ है कि वह बेकसूर है और दो साल का प्रतिबंध नहीं लगना चाहिये।’’
सुमित का प्रतिबंध तीन जून से शुरू हुआ है और इसके छह महीने का होने पर ही वह बर्मिंघम में अगले साल 28 जुलाई से होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में भाग ले सकेगा।