बासेल (स्विट्जरलैंड)| बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिटन चैम्पियनशिप-2019 आज से स्विस शहर बासेल में शुरू हो रहा है। भारत के लिए इस साल सायना नेहवाल, पीवी सिंधु और किदाम्बी श्रीकांत अहम किरदार निभाते नजर आएंगे। सायना और सिंधु ने विश्व चैम्पियनशिप में रजत जीते हैं लेकिन अब तक कोई भारतीय स्वर्ण तक नहीं पहुंच सका है।
सायना, सिंधु और श्रीकांत ने भारत को बैडमिंटन की महाशक्ति बनने में मदद की है लेकिन ये खिलाड़ी विश्व पटल पर कोई बड़ा खिताब नहीं जीत सके हैं। सायना और सिंधु एक-एक मौके पर विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में हार चुकी हैं जबकि इन तीनों में से कोई भी खिलाड़ी हाल के वर्षों में विश्व चैम्पियनशिप के अलावा ओलंपिक, एशियाई खेल और आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में गोल्ड नहीं जीत सका है।
अब बासेल में इन खिलाड़ियों के पास नया इतिहास रचने का मौका है। वैसे यह डगर इतनी आसान नहीं होगी क्योंकि इस साल भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन औसत रहा है। डबल्स में इस साल सात्विक साइराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी के एन मौके पर बाहर होने के बाद अब सायना, सिंधु और श्रीकांत के रूप में तीन भारतीय ही बैडिमंटन के इस महाकुम्भ में भारत का इतिहास बदलने का प्रयास करेंगे। पुरुष एकल में इस साल समीर वर्मा, एचएस प्रणाय और बी. साई प्रणीत भी चुनौती पेश करते नजर आएंगे।
सायना और सिंधु को पहले दौर में बाई मिला है। इन दोनों को दूसरे दौर की बाधा भी पार करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। दूसरे दौर में सिंधु चीनी ताइपे की पाए यू पो या फिर बुल्गारिया की लिंडा जेडचिरी का सामना कर सकती हैं । तीसरे दौर मैं सिंधु का सामना वल्र्ड नम्बर-10 अमेरिका की बेइवेन झांग से हो सकता है। झांग के खिलाफ वल्र्ड नम्बर-5 सिंधु का रिकार्ड 4-3 का है लेकिन 2018 में झांग ने सिंधु को दो दफे हराया है।
2017 और 2018 में रजत तथा 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीत चुकीं सिंधु अगर यह बाधा पार करने में सफल रही तो फिर क्वार्टर फाइनल में उनका सामना वल्र्ड नम्बर-2 चीनी ताइपे की ताए जू यिंग से हो सकता है। इस खिलाड़ी के खिलाफ सिंधु का रिकार्ड अच्छा नहीं है। अब तक दोनों के बीच कुल 14 मुकाबले हुए हैं और इनमें से 10 बार यिंग ने बाजी मारी है। बीते साल दिसम्बर में हालांकि सिधु ने यिंग को हराया था। सिंधु के लिए राहत की बात यह होगी कि बीते दो साल में यिंग के खेल में एक प्रकार की गिरावट आई है और इस कारण वह अजेय नहीं रह गई हैं।
इसी तरह 2017 में कांस्य और 2015 में रजत पदक जीतने वाली सायना की पहली परीक्षा क्वार्टर फाइनल में होगी, जहां उनका सामना चीन की चेंग यु फेई से होगा। चीनी खिलाड़ी मौजूदा आल इंग्लैंड चैम्पियन है और इस साल चार बडे खिताब जीत चुकी है। सायना अगर यह बाधा पार करने में सफल रहीं तो वह सेमीफाइनल में हमवतन सिंधु या फिर ताए जू से भिंड़ेंगी।
इन दोनों खिलाड़ियों के लिए राहत की बात यह है कि इस साल मौजूदा चैम्पियन स्पेन की केरोलिना मारिन अपना खिताब बचाने के लिए कोर्ट पर नहीं उतर रही हैं। साथ ही शुरूआती मुकाबलों में सायना और सिधु का टाप सीड जापान की अकाने यामागुची से टक्कर नहीं होती दिख रही है।
पुरुष एकल में चार भारतीय खिलाड़ी इस साल बासेल पहुंचे हैं लेकिन इनमें से सबसे अधिक चर्चा श्रीकांत की है। क्वार्टर फाइनल तक श्रीकांत की राह आसान है। क्वार्टर फाइनल में सातवें सीड श्रीकांत का सामना दूसरे सीड चीनी ताइपे के तेन चेन चोउ से हो सकता है। इसके अलावा समीर वर्मा, साई प्रणीत और प्रणाय अपने बीते अनुभवों के दम पर अपना अभियान जारी रखना चाहेंगे।