नई दिल्ली| टोक्यो ओलंपिक 2021 स्थगित होने से नरसिंह पंचम यादव के कैरियर को संजीवनी मिल गई और डोप कलंकित इस पहलवान ने गुरूवार को कहा कि वह इस मौके का पूरा फायदा उठायेंगे जबकि भारतीय कुश्ती महासंघ ने कहा दिया है कि वह अगर टोक्यो ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने की कोशिश करते हैं तो उन्हें रोका नहीं जायेगा।
चार साल का प्रतिबंध जुलाई में खत्म करने वाले नरसिंह पंचम यादव जुलाई अगस्त में ओलंपिक नहीं खेल सकते थे लेकिन अब कोविड 19 के चलते ओलंपिक एक साल के लिये टल चुके हैं । ऐसे में वह 74 किलो वर्ग में दावा कर सकता है जिसमें भारत ने कोटा हासिल नहीं किया है । नरसिंह को अगस्त 2016 में खेल पंचाट ने डोप टेस्ट में नाकाम रहने पर चार साल के प्रतिबंध की सजा सुनाई थी। रियो ओलंपिक में उनका मुकाबला शुरू होने से चंद घंटे पहले विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी की अपील पर यह सुनवाई हुई थी।
महासंघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा ,‘‘हम उसे रोकेंगे नहीं अगर वह हमारे पास आकर भाग लेने की इच्छा जताता है । हमने इस पर बात की है। उसका प्रतिबंध पूरा हो चुका है और वह वापसी कर सकता है ।’’ नरसिंह ने मुंबई से प्रेस ट्रस्ट से कहा ,‘‘मेरा हमेशा से यह विश्वास था कि मैने कुछ अलग नहीं किया है तो मेरे साथ कुछ गलत नहीं होगा। जीत सच की होती है अब ईश्वर की कृपा से मुझे एक मौका और मिल सकता है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘मुझे लगता था कि मैं ओलंपिक खेल सकता हूं। पता नहीं क्यो पर हमेशा लगता था मैं अपनी वापसी पर पूरा फोकस कर रहा हूं ताकि टोक्यो में पदक जीत सकूं।’’ रियो ओलंपिक से पहले उसके डोप टेस्ट में नाकाम रहने के बाद राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने स्वीकार कर लिया था कि उसके पेय पदार्थ में मिलावट की गई थी। उसने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई भी किया लेकिन चोट के कारण ओलंपिक क्वालीफिकेशन से चूके दो बार के पदक विजेता सुशील कुमार ने ट्रायल की मांग की और नरसिंह को अदालत में घसीटा। नरसिंह डोप टेस्ट में नाटकीय रूप से नाकाम रहा और उस पर चार साल का प्रतिबंध लगा दिया गया।