एश्ले बार्टी अपने पिछले सात ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट में दूसरी ट्रॉफी जीतने की कवायद में शनिवार को यहां विंबलडन महिला एकल फाइनल में कैरोलिना प्लिस्कोवा से भिड़ेगी।
प्लिस्कोवा दूसरी बार ग्रैंडस्लैम फाइनल में पहुंची हैं लेकिन उन्हें अपने पहले खिताब का इंतजार है।
प्लिस्कोवा ने दूसरी वरीयता प्राप्त आर्यना सबालेंका को हराकर शीर्ष वरीयता प्राप्त बार्टी से भिड़ने का हक पाया। विंबलडन में ओपन युग में केवल तीन महिलाएं ही दो शीर्ष वरीय खिलाड़ियों को हराकर खिताब जीत पायी हैं और प्लिस्कोवा इस सूची में अपना नाम लिखवाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
वीनस विलियम्स ने 2000 और 2005 में दो अवसरों पर यह कारनामा किया जबकि उनसे पहले एनी जोन्स ने 1969 और इवोनी गूलागोंग ने 1971 में ऐसा किया था।
गूलागोंग ने अपना दूसरा विंबलडन खिताब 1980 में जीता था। उसके बाद कोई आस्ट्रेलियाई महिला खिलाड़ी खिताब नहीं जीत पायी। अब बार्टी 41 साल बाद गूलागोंग की उपलब्धि को दोहराने की कोशिश करेगी।
बार्टी ने कहा, "इवोनी ने हमें राह दिखायी। उन्होंने हम सभी आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों के लिये मार्ग प्रशस्त किया।"
प्लिस्कोवा 2016 में यूएस ओपन में शीर्ष वरीयता प्राप्त दो खिलाड़ियों को हराने के करीब पहुंच गयी थी। उन्होंने सेमीफाइनल में तत्कालीन नंबर एक सेरेना विलियम्स को हराया था लेकिन तीन सेट तक चले फाइनल में नंबर दो एंजेलिक कर्बर से हार गयी थी।
प्लिस्कोवा ने कहा, "यह मेरा दूसरा फाइनल है। मैं दूसरी बार नंबर एक खिलाड़ी से खेलने जा रही हूं।"
इन दोनों खिलाड़ियों के बीच अभी तक सात मुकाबले हुए हैं जिनमें बार्टी 5-2 से आगे है।
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प्लिस्कोवा ने सेमीफाइनल में सबालेंका को एक घंटे 53 मिनट तक चले मैच में 5-7, 6-4, 6-4 से जबकि बार्टी ने 2018 की चैंपियन कर्बर को 6-3, 7-6 (3) से पराजित किया था।