नई दिल्ली: राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण के रूप में अपना पहला पदक जीतने वाली पांच बार की विश्व चैंपियन महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम ने कहा है कि फिटनेस साथ रहने तक वह देश के लिए खेलती रहेंगी।
35 वर्षीय मैरीकॉम ने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 48 किलोग्राम भार वर्ग के लाइट फ्लाइवेट वर्ग में उत्तरी आयरलैंड की क्रिस्टिना ओ हारा को मात दी थी।
मैरीकॉम ने आईएएनएस से कहा," मैंने संन्यास के बारे में कभी बात नहीं की। ये सब अफवाह है। मेरा अगला लक्ष्य ओलंपिक स्वर्ण है। मैं हारूं या जीतू, यह अलग बात है लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए मैं कड़ी मेहनत कर रही हूं।"
उन्होंने कहा,"मेरे लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती। इस चीज को हम अपने दिमाग से निकाल दें। जब तक मेरी शरीर इजाजत देती रहेगी तब तक मैं मुक्केबाजी जारी रखूंगी।"
मैरीकॉम तीन बच्चों की मां है और इसके अलावा वह राज्य सभा सांसद भी हैं, इसलिए वे काफी व्यस्त रहती हैं। लेकिन उन्होंने अपने प्रदर्शन से दिखा दिया है कि उनमें अभी मुक्केबाजी बाकी है।
मैरीकॉम ने कहा," राष्ट्रमंडल खेलों को मैंने एक चुनौती के रूप में लिया और इसमें सफल रही। इस पदक को हासिल करने के लिए मैंने काफी ट्रेनिंग की। मेरा मानना है कि मेरी सफलता ही मेरे आलोचकों के लिए जवाब है।"
राष्ट्रमंडल खेलों के बाद अब अगस्त में इंडोनेशिया में एशियाई खेलों का आयोजन होना है जहां वह 51 किलोग्राम भार वर्ग के फ्लाइवेट वर्ग में हिस्सा लेंगी।
लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरीकॉम ने कहा,"एशियाई खेल काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। इसमें मैं हायर वेट वर्ग में हिस्सा लूंगी। भार वर्ग कोई भी हो, मुझे इसके लिए तैयार रहना होगा और अपनी ट्रेनिंग पर ध्यान लगाना होगा।"
भारतीय कोचिंग स्टाफ के स्तर के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा," हाई परफार्मेंस मैनेजर राफेले बेरगामास्को और उनके निजी कोच छोटे लाल यादव दोनों काफी अच्छे कोच हैं। राफेल अनुभवी हैं और छोटे लाल युवा हैं जिन्हें उनके कोचिंग स्टाफ से काफी कुछ सिखने को मिल सकता है। यदि ये दोनों इसी तरह से अपना काम करते रहे, तो भारत को विदेशी कोच की जरुरत नहीं पड़ेगी।"
महिला मुक्केबाज ने भारतीय मीिहला मुक्केबाजी की बेंच स्ट्रेंथ को लेकर कहा, "भारत के पास महिला मुक्केबाजी में काफी बड़ा बेंच स्ट्रेंथ है। मैंने इसमें काफी युवाओं को आते देखा है। इसके लिए मैं भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) को धन्यवाद देना चाहती हूं जिन्होंने इंडिया ओपन जैसे अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों का आयोजन किया।"
मैरीकॉम ने आगामी अराष्ट्रीय शिविर को लेकर कहा," यह 18 दिवसीय शिविर है और बीएफआई और कोचों का यह एक अच्छा विचार है। मुक्केबाजी में फिटनेस और ताकत बनाए रखना महत्वपूर्ण है।"