नई दिल्ली| भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएफएस) के तौर पर ‘भारतीय शैली की भारतीय कुश्ती संघ (आईएसडब्ल्यूएआई)’ को मान्यता देने के फैसले को चुनौती देते हुए खेल मंत्रालय को लिखा है कि यह खेल संहिता का उल्लंघन है।
खेल मंत्रालय ने पिछले महीने मिट्टी पर आयोजित होने वाले इस खेल की पारंपरिक शैली (दंगल) के मामलों के संचालन के लिए आईएसडब्ल्यूएआई को राष्ट्रीय महासंघ के रूप में मान्यता दी थी। डब्ल्यूएफआई ने तर्क दिया कि आईएसडब्ल्यूएआई खेल संहिता 2011 में निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं करता है और देश में एक खेल के प्रबंधन करने के लिए दो संघ नहीं हो सकते हैं।
इस मामले की जानकारी रखने वाले डब्ल्यूएफआई के एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ हम समझ नहीं पा रहे है कि मंत्रालय ने किस आधार पर इस संघ को मान्यता दी है। हमने इस बारे में 23 मार्च को मंत्रालय को लिखा था। खेल संहिता के मुताबिक एक खेल के लिए दो संघ नहीं हो सकते है।’’
अपने पत्र में डब्ल्यूएफआई ने पूछा है कि मूक-बधिर पहलवानों के लिए संघ के मामले की तरह इस बार उसकी राय क्यों नहीं मांगी गई। सूत्र ने सवाल उठाया, ‘‘हाल ही में मूक-बधिर पहलवानों के खेल के प्रबंधन के लिए एक संघ ने मान्यता मांगी तो मंत्रालय ने हमारी राय मांगी थी। हमने इस पर आपत्ति जताई थी कि चूंकि इस खेल के लिए हम एकमात्र निकाय हैं। मंत्रालय ने इस बार हमसे सलाह क्यों नहीं ली?’’
डब्ल्यूएफआई ने अपने पत्र में कहा है कि खेल संहिता में स्पष्ट रूप से इस बात का उल्लेख है कि कि एनएसएफ के रूप में मान्यता प्राप्त करने वाली संस्था को कानूनी विवाद में नहीं फंसा होना चाहिये, लेकिन डब्ल्यूएफआई और आईएसडब्ल्यूएआई से जुड़ा मामला 2018 से चल रहा है।’’
सूत्र ने कहा, ‘‘इसके अलावा, संहिता के उपबंध 3.8 में कहा गया है कि एनएसएफ के लिए राष्ट्रीय चैंपियनशिप की मेजबानी करना जरूरी है। पिछले दो वर्षों से राष्ट्रीय दंगल का आयोजन हम कर रहे है।’’
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उन्होंने बताया, ‘‘उपबंध 3.15 के मुताबिक एनएसएफ को संबंधित खेल के वैश्विक संचालक निकाय से मान्यता प्राप्त होना चाहिये लेकिन इस मामले में यूडब्ल्यूडब्ल्यू (युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) से उसे मान्यता नहीं मिली है।’’
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यह पता चला है कि डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह इस मामले पर चर्चा करने के लिए खेल मंत्री किरेन रीजीजू से पहले ही मिल चुके हैं और उनसे वादा किया गया है कि डब्ल्यूएफआई की चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा।