बेंगलुरू। भारतीय महिला टीम की अनुभवी महिला खिलाड़ी सुशील चानू पुखरामबम ओलंपिक खेलों से अनजान नहीं हैं। वह पिछले ओलंपिक खेल रियो ओलंपिक-2016 में टीम की कप्तान रह चुकी हैं। 28 साल की यह खिलाड़ी लगातार अच्छा करती आई हैं और उम्मीद करती हैं कि अगले साल टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में उन्हें भारत का प्रतिनिधित्व करने मौका मिलेगा।
सुशीला ने कहा, "यह हर किसी के लिए अजीब साल रहा है। राष्ट्रीय टीम की सदस्य होने नाते मैं हमेशा तेजी वाले माहौल की आदि रही हूं, जहां हम एक के बाद एक मैच खेलते हैं, हमें दूसरी चीजों पर ध्यान देने का ज्यादा मौका नहीं मिलता।"
ये भी पढ़ें - आईपीएल में खेलने वाले न्यूजीलैंड और विंडीज के खिलाड़ियों का दूसरा कोविड टेस्ट क्लीयर
उन्होंने कहा, "अब जब हमारे हाथों में ज्यादा समय है, तो मैं पीछे मुड़कर काफी चीजों की तरफ देखती हूं और अपने करियर के अगले दौर के लिए तैयारी भी करती हूं। हमारे पास इतिहास रचने का मौका है न सिर्फ पहली बार ओलंपिक के लिए लगातार क्वालीफाई करते हुए बल्कि पोडियम खत्म करने के साथ भी।"
अपने खाते में 180 अंतर्राष्ट्रीय मैच दर्ज करा चुकी सुशीला मौजूदा टीम की सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक हैं। उनका कहना है कि युवा खिलाड़ियों से अपने अनभुव को साझा करना उन्हें पसंद है।
मिडफील्डर ने कहा, "जाहिर सी बात है कि जब आप अपनी टीम की बाकी खिलाड़ियों की तुलना में ज्यादा मिनट खेलती हो तो आप एक जिम्मेदारी का अनुभव करती हो। मैं युवा खिलाड़ियों के साथ काम करने का लुत्फ उठाती हूं। मेरे पास खेल की जो जानकारी और अनुभव है उससे मुझे लगता है कि मैं टीम की सफलता में योगदान दे सकती हूं, न सिर्फ मैदान के अंदर, बल्कि मैदान के बाहर भी।"
ये भी पढ़ें - भारत के खिलाफ लिमिटेड ओवर सीरीज से नाम वापस लेने पर लैंगर ने किया इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी का बचाव
इसी साल फरवरी में महिला टीम ने आखिरी बार प्रतिस्पर्धी हॉकी खेली थी। टीम उस समय न्यूजीलैंड के दौरे पर थी। सुशीला को लगता है कि उनकी टीम के लिए यह जरूरी है कि वह अपना फोकस अगले साल टोक्यो ओलंपिक पर रखें।
सुशीला ने कहा, "बाकी के खेल जगत की तरह की हमें भी उम्मीद है कि टोक्यो ओलम्पिक अगले साल होगा। यह हम सभी के लिए बड़ा टूर्नामेंट है। हम बीते चार साल से काफी मेहनत कर रहे हैं ताकि हम ओलंपिक में अपना लक्ष्य हासिल कर सकें।"
उन्होंने कहा, "अपने आप को शीर्ष फॉर्म में बनाए रखने में काफी चुनौतियां आती हैं, लेकिन हमारे कोचिंग स्टाफ ने यह बात सुनिश्चित की है कि हम पहले से ज्यादा फोकस रहें और अपने आप को लय में बनाए रखें।"