नई दिल्ली। भारत की ओलंपिक की तैयारियों को बड़ा झटका लगा जब विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) ने देश की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) के निलंबन को छह और महीने के लिए बढ़ा दिया। वाडा ने कहा कि प्रयोगशाला के अंतरराष्ट्रीय स्तर के अनुरूप नहीं होने के कारण निलंबन बढ़ाया गया। वाडा ने पिछले साल अगस्त में एनडीटीएल को पहली बार छह महीने के लिए निलंबित किया था। वैश्विक संस्था के नवीनतम निरीक्षण में पता चला है कि अब भी कुछ मापदंडों को पूरा नहीं किया गया है।
वाडा ने बयान में कहा,‘‘विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी ने भारत के नई दिल्ली की राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला की मान्यता दूसरी बार छह महीने के लिए निलंबित कर दी है।’’
इस निलंबन के कारण एनडीटीएल कोई डोपिंग रोधी गतिविधि नहीं कर पाएगा जिसमें मूत्र और रक्त के नमूनों का परीक्षण भी शामिल है। वाडा के निरीक्षण में पता चला कि एनडीटीएल प्रयोगशालाओं के अंतरराष्ट्रीय स्तर (आईएसएल) के मापदंडों पर खरी नहीं उतरती जिसमें प्रयोगशाला का ‘आइसोटोप रेशियो मास स्पेक्ट्रोमेट्री’ भी शामिल है जिस तकनीक का इस्तेमाल प्रतिबंधित पदार्थों की पुष्टि के लिए किया जाता है।
फिलहाल राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा एकत्रित किए नमूने मुख्य रूप से दोहा में वाडा से मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला के पास भेजे जाते हैं। वाडा ने फरवरी में दूसरी बार एनडीटीएल का निरीक्षण किया था लेकिन पाया गया कि सुधारवादी कदम निलंबन हटाने के लिए पर्याप्त नहीं है जिसे अब जनवरी 2021 तक बढ़ा दिया गया है।
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वाडा ने कहा, ‘‘फरवरी 2020 में जब छह महीने का निलंबन खत्म हुआ और कुछ मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा नहीं किया गया तो वाडा के प्रयोगशाला विशेष समूह (लैबईजी) ने प्रयोगशाला के खिलाफ आगे की अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की सिफारिश की।’’
अनुशासनात्मक समिति को वाडा के अध्यक्ष को सिफारिश का अधिकार होता है और उसने अपनी स्थिति रिपोर्ट में निलंबन बढ़ाने को कहा। वाडा ने हालांकि कहा, ‘‘निलंबन के दौरान अगर प्रयोगशाला लैबईजी के मापदंडों पर खरी उतरती है तो वह छह महीने के निलंबन समय से पहले अपनी मान्यता बहाल करने के लिए आवेदन कर सकती है।’’
हालांकि जिस तरह निलंबन सौंपा गया है उसके आधार पर इसे छह और महीने के लिए बढ़ाए जाने का प्रावधान है जिसका मतलब हुआ कि एनडीटीएल जुलाई 2021 में तोक्यो ओलंपिक से पहले परीक्षण नहीं कर पाएगा।
डोपिंग से जुड़े मामले देखने वाले वकील पार्थ गोस्वामी ने पीटीआई को बताया, ‘‘यह खेल मंत्रालय और एनडीटीएल को बड़ा झटका है। पिछले 11 महीने से नाडा बिना मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला के काम कर रहा है और अब इस निलंबन को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘नमूनों को परीक्षण के लिए कतर की प्रयोगशाला में भेजने से लागत बढ़ती है और नतीजे आने में भी देर लगती है। एनडीटीएल/खेल मंत्रालय ने पिछले साल अगस्त में खेल पंचाट में वाडा के निलंबन को चुनौती नहीं दी थी। यह देखना रोचक होगा कि इस बार एनडीटीएल विरोध करता है या नहीं।’’