नई दिल्ली| बीते दिनों 100 मीटर की रेस करीब 11 सेकंड में पूरी करके देश भर में चर्चा का केंद्र बने रामेश्वर गुर्जर भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सीनियर कोचों द्वारा लिए गए ट्रायल्स में फिसड्डी साबित हुए। बीते दिनों 19 साल के गुर्जर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें वह 100 मीटर की रेस करीब 11 सेकंड में पूरी करते हुए दिखाए दिए थे। इसके बाद केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने मध्य प्रदेश का 'उसेन बोल्ट' कहे जाने वाले रामेश्वर को एथलेटिक्स अकादमी में डालने और प्रशिक्षित करने का आश्वासन दिया था।
रामेश्वर जब भोपाल के तात्या टोपे नगर स्थित अकादमी में राज्य सरकार और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के सीनियर कोचों की देखरेख में ट्रायल्स देने पहुंचे तो वह इसमें सबसे पीछे रह गए।
रिजिजू ने खुद ट्वीट करके उनके ट्रायल्स होने की जानकारी दी। रामेश्वर ट्रायल्स में छह अन्य एथलीटों के साथ दौड़े, लेकिन वह आखिरी नंबर पर रहे। उन्होंने अपने रेस को पूरा करने के लिए 12.90 सेकेंड का समय लिया, जो अंतर्राष्ट्रीय क्या, राष्ट्रीय मानकों पर भी कहीं नहीं ठहरता। भारत में 100 मीटर का राष्ट्रीय रिकार्ड 10.26 सेकेंड है।
रामेश्वर के साथ दौड़े आयुष तिवारी पहले स्थान पर रहे। रामेश्वर ने ट्रायल्स में फेल होने पर कहा कि पहली बार ट्रैक पर जूते पहनकर दौड़ा इसलिए पीछे रह गया। उन्होंने कहा कि उनकी कमर में दर्द भी था, लेकिन वह एक महीने बाद फिर से लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।
वहीं, रिजिजू ने ट्विटर पर लिखा, "रामेश्वर गुर्जर का ट्रायल टीटी नगर स्टेडियम में आयोजित हुआ, जहां साई और राज्य सरकार के कोच मौजूद थे। रामेश्वर वीडियो में सबसे बाईं ओर (लेन 9) में दौड़ रहे हैं। सुर्खियों में आने के चलते उन पर प्रदर्शन का दबाव इतना था कि वह अच्छा प्रदर्शन नहीं दे पाए। हम उन्हें पर्याप्त समय और ट्रेनिंग देंगे।"
रामेश्वर मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के निवासी हैं। वह नंगे पैर दौड़ते हुए 100 मीटर दौड़ 11 सेकेंड में पूरी करने में सफल रहे थे। इसे देखते हुए मध्य प्रदेश के खेल मंत्री जीतू पटवारी ने भी रामेश्वर को भोपाल में बेहतर प्रशिक्षण देने की बात कही थी। खेल मंत्री ने रामेश्वर की तरह उभरती ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया था।
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