भारतीय महिला हॉकी टीम की फारवर्ड उदिता कोरोना वायरस के कारण मिले ब्रेक का इस्तेमाल अपने खेल को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही हैं और साथ ही उन क्षेत्रों की पहचान कर रहीं हैं जिनमें सुधार की जरूरत है। कोविड-19 महामारी के कारण दुनिया भर में खेल प्रतियोगिताएं ठप्प पड़ी हें और 22 साल की उदिता ने कहा कि इस ब्रेक से उन्हें अपने पिछले मैचों की वीडियो फुटेज का विश्लेषण करने का मौका मिला है।
उदिता ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के दौरान मैं अपने पिछले मैचों की काफी वीडियो फुटेज देख रही हूं और मैंने कुछ महत्वपूर्ण चीजों पर गौर किया है जिनमें मैदान पर लौटने पर मुझे सुधार करने की जरूरत है। उम्मीद करती हूं कि मैं अपने कौशल में तेजी से सुधार करूंगी और कहीं बेहतर खिलाड़ी बनूंगी।’’
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हरियाणा की इस युवा फॉरवर्ड ने कहा कि उन्होंने रानी और वंदना कटारिया जैसी सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलकर काफी कुछ सीखा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय टीम के साथ सफर शानदार रहा है। रानी और वंदना मेरी आदर्श हैं और मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है। वे काफी अनुभवी खिलाड़ी हैं और उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया है।’’
उदिता ने कहा, ‘‘मैं काफी भाग्यशाली हूं कि उनकी जैसी सीनियर खिलाड़ी हमारे साथ हैं। मैं उन पर पूरा ध्यान देती हूं कि वे कैसे अभ्यास करती हैं और मैच से पहले कैसे रणनीति बनाती हैं।’’
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उदिता ने काफी कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था और इसके बाद से उनकी मां ने उनके जीवन में उनका सबसे अधिक साथ दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे जीवन में मेरी माता काफी विशेष है। 2015 में मेरे पिता के निधन के बाद मेरी मां ने हम सभी (तीनों भाई-बहन) का साथ दिया। हमारी मां ने हमारे पिता की जगह ली और हमारी मदद के लिए हमेशा मौजूदा रही।’’
उदिता ने कहा, ‘‘मैंने अपनी मां के कारण ही भारतीय महिला हॉकी टीम में जगह बनाई है। वह मेरी मित्र भी हैं। मेरे पास यह बयां करने के लिए शब्द नहीं हैं कि मेरे लिए मेरी मां कितनी विशेष हैं।’’