तोक्यो। अपने अनुभव, कौशल और जज्बे का अच्छा नमूना पेश करने के बावजूद भारतीय स्टार अचंता शरत कमल मंगलवार को यहां चीन के मौजूदा ओलंपिक और विश्व चैंपियन मा लांग से 1-4 से हार गये जिससे भारत की तोक्यो ओलंपिक खेलों की टेबल टेनिस प्रतियोगिता में चुनौती भी समाप्त हो गयी। अपना चौथा ओलंपिक खेल रहे 39 वर्षीय शरत ने तीसरे दौर के इस मैच में अपने मजबूत प्रतिद्वंद्वी को पहले तीन गेम में कड़ी चुनौती दी लेकिन आखिर में उन्हें 46 मिनट तक चले मैच में 7-11, 11-8, 11-13, 4-11, 4-11 से हार का सामना करना पड़ा। शरत और मनिका बत्रा मिश्रित युगल में पहले ही बाहर हो गये थे।
मनिका भी महिला एकल में तीसरे दौर से आगे बढ़ने में नाकाम रही थी। जी साथियान और सुतिर्था मुखर्जी भी अपने एकल मैचों में शुरू में ही हार गये थे। पिछले मैच में पुर्तगाल के टियागो अपोलोनिया के खिलाफ शानदार वापसी करने वाले शरत ने लांग के खिलाफ भी वापसी का अपना जज्बा दिखाया। पहला गेम गंवाने के बाद उन्होंने दूसरा गेम अपने नाम किया और फिर तीसरे गेम में भी तीन गेम प्वाइंट बचाये लेकिन आखिरी दो गेम में मुकाबला एकतरफा ही रहा। शरत ने पहले गेम के शुरू में लांग को अच्छी चुनौती दी। एक बार वह वापसी करके स्कोर 5-5 की बराबरी पर भी ले आये थे लेकिन लांग ने लगातार चार अंक बनाये और फिर दूसरे गेम प्वाइंट पर पहला गेम जीतने में सफल रहे। शरत ने दूसरे गेम में अपने फोरहैंड रिटर्न और नियंत्रित खेल से ओलंपिक खेलों में अब तक तीन स्वर्ण पदक जीतने वाले लांग को भी हैरान कर दिया। भारतीय खिलाड़ी ने शुरू में पिछड़ने के बाद वापसी की और फिर 8-4 से बढ़त बना दी।
लांग ने इसके बाद लगातार चार अंक बनाये लेकिन शरत ने फिर से वापसी की और बेहतरीन फोरहैंड रिटर्न से यह गेम अपने नाम किया। लांग तीसरे गेम में 6-4 से आगे थे लेकिन शरत ने जल्द ही बढ़त हासिल कर दी। लांग ने 8-8 के स्कोर पर लगातार दो अंक बनाये जिससे उनके पास दो गेम प्वाइंट थे लेकिन शरत ने अपना जज्बा बनाये रखा। उन्होंने कुल तीन गेम प्वाइंट बचाये।
चीनी खिलाड़ी ने ‘टाइम आउट’ लिया और चौथे गेम प्वाइंट पर मैच में बढ़त बना दी। लांग ने चौथे गेम में 6-0 की मजबूत बढ़त से शुरुआत की और शरत के प्रयासों के बावजूद यह गेम सात मिनट में अपने नाम करने में सफल रहे। पांचवें गेम में भी यही कहानी दोहरायी गयी। भारतीय खिलाड़ी ने दबाव में गलतियां की जिससे लांग ने 9-3 से बढ़त बना ली। लांग के करारे स्मैश का शरत के पास कोई जवाब नहीं था।