नई दिल्ली। भारतीय महिला फुटबॉल खिलाड़ी बाला देवी ने कहा कि स्काटलैंड की शीर्ष क्लब की टीम रेंजर्स के साथ ढलना उनके लिए उतना मुश्किल नहीं रहा जितना उन्होंने सोचा था। बाला देवी ने ग्लास्गो से पीटीआई से बातचीत में कहा कि अब उनकी कोशिश भारतीय खिलाड़ियों को विदेश में पेशेवर लीग में खेलने के लिए प्रेरित करने की होगी।
इस साल जनवरी में बाला देवी ने उस समय इतिहास रचा था जब प्रसिद्ध स्काटिश महिला प्रीमियर लीग की टीम रेंजर्स ने उनसे 18 महीने का करार किया। वह विदेशी की शीर्ष पेशेवर लीग में खेलने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी। वह टीम के शुरुआती मैचों में मैदान में उतरी लेकिन कोविड-19 महामारी के लिए लीग को 30 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया।
बालादेवी ने कहा, ‘‘मैंने हमेशा कहा है कि मैं विदेश में खेलना चाहती हू। यह मेरे लिए बहुत अच्छा अनुभव है। एक बार जब मैं वापस आऊंगी तो मैं और खिलाड़ियों को विदेश में खेलने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश करूंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं भारतीय फुटबाल के बेहतरी के लिए वापस आने के बाद निश्चित रूप से अपने अनुभवों को साझा करना चाहूंगी। इस खिलाड़ी को हालांकि कोविड-19 महामारी के कारण लगे यात्रा प्रतिबंधों के कारण टीम के साथ ग्लास्गो में ही रहना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘ फिलहाल भारत के लिए विमान उपलब्ध नहीं हैं लेकिन मैं यहां ग्लास्गो में बिल्कुल ठीक हूं। मैं पूरी तरह से सुरक्षित हूं और घर के अंदर रहने की कोशिश कर रही हूं। रेंजर्स एफसी द्वारा मेरा ख्याल अच्छे से रखा जा रहा है।’’ बाला देवी उन शीष खिलाड़ियों में शामिल है जिन्हें एशियाई फुटबाल परिसंघ कोविड-19 के खिलाफ जागरूकता के लिए ‘ब्रेक द चेन’ वीडियो में शामिल किया है।