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Tokyo Olympics: इन टेबल टेनिस खिलाड़ियों से भारत को है मेडल की उम्मीद

टोक्यो ओलंपिक में टेबल टेनिस में भारत के चार खिलाड़ी अपनी चुनौती पेश करेंगे।

Reported by: Bhasha
Published on: July 13, 2021 16:09 IST
Tokyo Olympics: india is expecting medals from these table...- India TV Hindi
Image Source : GETTY Tokyo Olympics: india is expecting medals from these table tennis superstars

किसी जमाने में 'पिंग पोंग' नाम से कुलीन वर्ग के शौकिया खेल के रूप में जन्म लेने वाला टेबल टेनिस जब से ओलंपिक खेलों का हिस्सा बना तब से लेकर अब तक भारत ने हर बार इसमें खिलाड़ी उतारे लेकिन उनकी भूमिका प्रतिनिधित्व तक ही सीमित रही है।

टोक्यो ओलंपिक में टेबल टेनिस में भारत के चार खिलाड़ी अपनी चुनौती पेश करेंगे और वे केवल अनुभव हासिल करने या प्रतिनिधित्व करने के लक्ष्य के साथ वहां नहीं जा रहे हैं। अनुभवी अचंता शरत कमल और युवा मनिका बत्रा ने हाल के प्रदर्शन के दम पर पदक जीतना अपना लक्ष्य बनाया है तो जी साथियान और सुत्रिता मुखर्जी की निगाह भी उलटफेर करने पर टिकी है।

शरत कमल के यह चौथे ओलंपिक खेल होंगे जो भारतीय रिकॉर्ड होगा। शरत और मनिका ने अपनी रैंकिंग के आधार पर ओलंपिक में जगह बनायी जबकि साथियान और सुत्रिता ने मार्च में दोहा में एशियाई क्वॉलीफायर्स के जरिये टोक्यो जाने का टिकट हासिल किया।

शरत और मनिका मिश्रित युगल में भी अपनी चुनौती पेश करेंगे। टेबल टेनिस को ओलंपिक में जगह बनाने के लिये लंबा इंतजार करना पड़ा था। सियोल ओलंपिक 1988 में पहली बार पुरुष और महिला वर्ग में एकल और युगल स्पर्धाएं आयोजित की गयी थी। बीजिंग ओलंपिक 2008 के बाद युगल की जगह टीम स्पर्धा को शामिल किया गया।

टोक्यो ओलंपिक 2020 में मिश्रित युगल की नयी स्पर्धा जोड़ी गयी है। भारत ने 1988 सियोल से लेकर रियो ओलंपिक 2016 तक प्रत्येक खेलों में टेबल टेनिस में खिलाड़ी उतारे हैं लेकिन अब भी उसे पहले पदक का इंतजार है। सियोल ओलंपिक में कमलेश मेहता और सुजोय घोरपड़े ने पुरुष और नियति राय शाह ने महिला वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। इसके चार साल बाद बार्सिलोना ओलंपिक में कमलेश मेहता संयुक्त 17वें स्थान पर रहे थे जो एकल में किसी भारतीय का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।

चेतन बबूर और शरत कमल ने अब तक तीन-तीन ओलंपिक में हिस्सा लिया है। महिलाओं में नियति रॉय और मौमा दास दो-दो ओलंपिक में भाग ले चुकी हैं, लेकिन कुछ खिलाड़ियों के ही क्वॉलीफाई करने के कारण भारत अभी ओलंपिक में टीम स्पर्धा में भाग नहीं ले पाया है। उन्होंने हालांकि तीन बार 1988, 1992 और 2000 में पुरुष युगल में हिस्सा लिया था।

टेबल टेनिस का जनक इंग्लैंड है और शुरू में यह यूरोप तक सीमित रहा लेकिन समय गुजरने के साथ इसमें एशियाई देशों विशेषकर चीन का दबदबा बन गया। चीन ने ओलंपिक खेलों में अब तक 28 स्वर्ण, 17 रजत और आठ कांस्य पदक सहित कुल 53 पदक जीते हैं।

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चीन की बादशाहत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसके अलावा केवल दक्षिण कोरिया (तीन स्वर्ण) और स्वीडन (एक स्वर्ण) ही ओलंपिक टेबल टेनिस में सोने के तमगे जीत पाये हैं। चीन की तीन महिला खिलाड़ियों वांग नान, देंग यिपिंग और झयांग यिंगयिंग ने ओलंपिक में चार-चार स्वर्ण पदक जीते हैं। पुरुष वर्ग में भी चीन के वांग हाओ सबसे आगे हैं जिन्होंने दो स्वर्ण और तीन रजत पदक अपने नाम किये हैं।

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