टोक्यो ओलंपिक में कुश्ती में भारत का पदक पक्का हो गया जब रवि दहिया ने कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव हराकर स्वर्ण पदक जीतने की ओर कदम रख दिया। वे ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाले सुशील कुमार के बाद दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हालांकि दीपक पुनिया सेमीफाइनल में हारने के बाद अब कांस्य पदक के लिये खेलेंगे।
चौथी वरीयता प्राप्त दहिया 57 किग्रा फ्रीस्टाइल सेमीफाइनल में एक समय 2-9 से पीछे थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसे कसकर पकड़ लिया। इसके बाद उसे जमीन पर पटखनी देकर मुकाबला जीत लिया। दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे।
पहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढ़त थी लेकिन सानायेव ने उनके बायें पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिये। ऐसा लग रहा था कि दहिया हार कीतरफ बढ रहे हैं लेकिन संयम नहीं खोते हुए उन्होंने एक मिनट में बाजी पलट दी।
इससे पहले सुशील कुमार ने 2012 लंदन ओलंपिक में फाइनल में जगह बनाकर रजत पदक जीता था। पुनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैम्पियन डेविड मौरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में हार गए। टेलर की तकनीकी दक्षता का पुनिया के पास कोई जवाब नहीं था। जवाबी हमले पर वह एक ही मूव बना सके लेकिन टेलर ने उन्हें अंक नहीं लेने दिया। दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया।
वहीं, पुनिया ने पुरूषों के 86 किग्रा वर्ग में आसान ड्रॉ का पूरा फायदा उठाते हुए पहले दौर में नाइजीरिया के एकेरेकेमे एगियोमोर को मात दी जो अफ्रीकी चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता हैं। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने चीन के जुशेन लिन को 6-3 से हराया। वहीं, 19 वर्ष की अंशु मलिक महिलाओं के 57 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में यूरोपीय चैम्पियन बेलारूस की इरिना कुराचिकिना से 2-8 से हार गई।
अल्जीरिया के अब्देलहक खेरबाचे को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराने वाले वेंगलोव के खिलाफ दहिया ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शुरू से ही दबाव बनाये रखा। चौथे वरीय इस भारतीय पहलवान ने उरबानो के खिलाफ मुकाबले में लगातार विरोधी खिलाड़ी उसके दायें पैर पर हमला किया और पहले पीरियड में ‘टेक-डाउन’ से अंक गंवाने के बाद पूरे मुकाबले में दबदबा बनाए रखा।
गत एशियाई चैंपियन दाहिया ने उस समय 13-2 से जीत दर्ज की जबकि मुकाबले में एक मिनट और 10 सेकेंड का समय और बचा था। भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में पांच टेक-डाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीकी मजबूती दिखाई। वहीं 86 किग्रा वर्ग में नाइजीरियाई पहलवान के पास ताकत थी लेकिन पुनिया के पास तकनीक थी और वह भारी पड़ी। लिन के खिलाफ हालांकि उन्हें परेशानी पेश आई। उन्होंने 3-1 की बढत बनाई लेकिन लिन ने 3-3 से वापसी की।
रेफरी ने थ्रो के लिये दीपक को दो अंक दिये लेकिन चीनी पहलवान ने इसे चुनौती दी और सफल रहे। दस सेकंड बाकी रहते पुनिया ने लिन के नीचे से घुसकर उसके पैर पकड़ लिये और हवा में उछालकर दो अंक के साथ मुकाबला जीत लिया। वहीं, एशियाई चैम्पियन अंशु ने शानदार वापसी करते हुए 0-4 से पिछड़ने के बावजूद बेलारूस की प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ दो पुश आउट अंक लिये। उसने कुराचिकिना का दाहिना पैर पकड़ लिया लेकिन मूव पूरा नहीं कर सकी। जवाबी हमले पर उसने दो अंक गंवाये लेकिन लड़ती रही।
Tokyo Olympics 2020: दीपक पुनिया ने SF में खाई मात, कांस्य पदक के लिए रिंग में उतरेंगे
यूरोपीय पहलवान का अनुभव आखिरकर उसके जोश पर भारी पड़ा। अंशु की वापसी अब इस बात पर निर्भर करेगी कि कुराचिकिना कहां तक पहुंचती है। अगर वह फाइनल में पहुंचती है तो अंशु को रेपाशाज खेलने का मौका मिलेगा। के डी जाधव भारत को कुश्ती में पदक दिलाने वाले पहले पहलवान थे जिन्होंने 1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। उसके बाद सुशील ने बीजिंग में कांस्य और लंदन में रजत पदक हासिल किया। सुशील ओलंपिक में दो व्यक्तिगत स्पर्धा के पदक जीतने वाले अकेले भारतीय थे लेकिन बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधू ने कांस्य जीतकर बराबरी की। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने भी कांस्य पदक जीता था। वहीं, साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में कांस्य पदक हासिल किया था।