मौजूदा विश्व चैम्पियन पीवी सिंधु शुक्रवार को जापान की दुनिया की पांचवें नंबर की खिलाड़ी अकाने यामागुची को सीधे गेम में पराजित कर यहां टोक्यो ओलंपिक की महिला एकल स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंच गयी जिससे उन्होंने बैडमिंटन में भारत की पहले ओलंपिक स्वर्ण पदक की उम्मीद जीवंत रखी।
रियो ओलंपिक 2016 की रजत पदक विजेता ने शानदार रक्षण किया और अपने आक्रामक आल राउंड खेल की बदौलत क्वार्टरफाइनल में चौथी वरीय यामागुची को 56 मिनट तक चले मुकाबले में 21-13 22-20 से शिकस्त दी। अब उनका सामना चीनी ताइपे की दूसरी वरीय ताई जु यिंग से होगा जिन्होंने दूसरे क्वार्टरफाइनल में थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन को 14-21 21-18 21-18 से हराया।
छठी वरीय सिंधु ने मैच के बाद कहा, "पहला गेम ज्यादातर समय मेरे नियंत्रण में था। मैं बढ़त बना रही थी लेकिन मैं डटी रही क्योंकि पिछले मैचों में उसने वापसी कर ली थी। पर मैंने बढ़त कायम रखी और इसे जीत लिया। दूसरे गेम में मैं बढ़त बना रही थी लेकिन फिर उसने वापसी की। लेकिन मैंने भी सामना किया, मैंने उम्मीद नहीं गंवायी और उसी लय में खेलना जारी रखा। मैं जिस तरह से खेली, ज्यादा गलतियां नहीं की, उससे खुश हूं।"
मैच से पहले सिंधु का जापानी खिलाड़ी के खिलाफ जीत का रिकार्ड 11-7 था जिसे उन्होंने इस साल मार्च में आल इंग्लैंड चैम्पियनशिप में हराया था। यामागुची ने दूसरे गेम में वापसी की कोशिाश की लेकिन सिंधु ने उन पर 19 भिड़ंत में 12वीं जीत दर्ज की।
भारतीय खिलाड़ी ने कहा, "मैं नर्वस नहीं थी, हालांकि वह गेम प्वाइंट पर थी। मेरे कोच कह रहे थे -ध्यान लगाये रखो, तुम पहुंच जाओगी। वह लगातार मेरा समर्थन कर रहे थे, मैं खुश हूं कि दो गेम में वापसी कर सकी। मैंने इसके लिये बहुत मेहनत की है। अब जाकर मैं थोड़ा सहज महसूस करूंगी और अगले मैच के लिये तैयारी करूंगी। मैं खुश हूं लेकिन मुझे अगले मैच की तैयारी करनी है।"
चीन की चेन यु फेई और ही बिंग जियाओ सेमीफाइनल में पहुंचने वाली अन्य दो खिलाड़ी हैं। दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताई जु को कोच पार्क ताए सांग भारतीय खिलाड़ी की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्वी मानते हैं और जिनका सिंधु के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड 13-7 है।
सिंधु पिछले तीन मुकाबलों में ताई जु से हार चुकी हैं लेकिन वह महत्वपूर्ण टूर्नामेंट जैसे 2016 रियो ओलंपिक, 2019 विश्व चैम्पियनशिप और 2018 विश्व टूर फाइनल्स में ताईवानी शटलर को पराजित करने में सफल रही थीं। मैच में यामागुची ने भी आक्रामक खेल दिखाने का प्रयास किया लेकिन सिंधु ने अपने आक्रामक स्मैश और ‘हाफ स्मैश’ से विपक्षी पर दबाव बनाया।
शुरूआती गेम में सिंधु 2-4 से पिछड़ रही थीं लेकिन उन्होंने तेजी से वापसी करते हुए इसे 6-6 से बराबर कर दिया। यामागुची ने लगातार तीन सहज गलतियां कर दीं और भारतीय खिलाड़ी को बढ़त बनाने का अवसर मिल गया। ब्रेक तक वह क्रास कोर्ट स्मैश से 11-7 से आगे हो गयीं। उन्होंने अपने ‘फोर कोर्ट’ का बखूबी इस्तेमाल किया और नेट पर भी अच्छी रहीं।
दोनों ने कुछ अच्छी और तेज रैलियां खेलीं लेकिन यामागुची के पास विपक्षी के शॉट का कोई जवाब नहीं था। वह इससे थोडी खिन्न भी दिख रही थी। सिंधु ने नेट के करीब विनर लगाकर पहला गेम 23 मिनट में अपने नाम कर लिया। सिंधु ने दूसरे गेम में पूरा नियंत्रण बनाते हुए दो शानदार स्मैश से 2-0 से बढ़त ले ली। उन्होंने अपनी सहज गलतियों को न्यूनतम रखा जबकि यामागुची सर्विस गलती कर बैठीं।
सिंधु ने शानदार ‘नेट ड्रिबल’ और ‘क्रास कोर्ट’ स्मैश से ब्रेक तक पांच अंक की बढ़त बना ली। यामागुची ने हालांकि 8-13 से पिछड़ने के बाद वापसी की और अगले नौ मे से आठ अंक हथिया लिये जिससे उन्होंने 16-15 की बढ़त ले ली। यामागुची ने हालांकि 15-13 के स्कोर पर ही सिंधु को थकाने वाली रैली में उलझाया। जापानी खिलाड़ी अच्छा रक्षण कर रही थी जिससे सिंधु को करीब खेलने के लिये बाध्य कर दिया। इस दौरान उन्होंने गलती भी की और यामागुची ने 18-16 से बढ़त बना ली। शानदार नेट शॉट से यामागुची ने दो और गेम प्वाइंट हासिल किये जिससे उनकी वापसी करने की उम्मीद लग रही थी। लेकिन सिंधु ने फिर दो स्मैश लगाकर स्कोर 20-20 कर दिया।
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फिर एक और हाफ स्मैश ने वह मैच प्वाइंट तक पहुंचकर गेम जीत गयीं। वह खुशी से चिल्लाने लगी। सिंधु ने प्री क्वार्टरफाइनल में डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को सीधे गेम में हराया था। वह बैडमिंटन में एकमात्र भारतीय खिलाड़ी बची हैं। पुरूष एकल खिलाड़ी बी साई प्रणीत तथा चिराग शेट्टी और सात्विकसाइराज रंकीरेड्डी की पुरुष युगल जोड़ी नाकआउट चरण के लिये क्वालीफाई नहीं कर सकी थी।