ऑस्ट्रेलिया से बुरी तरह शिकस्त का सामना करने वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम मंगलवार को यहां ओलंपिक के अपने तीसरे पूल ए मैच में अपने से कम रैंकिंग वाली टीम स्पेन के खिलाफ लय और टूटे हुए मनोबल को फिर से हासिल करने की कोशिश करेगी। अपने अभियान के शुरुआती मैच में न्यूजीलैंड पर 3-2 से जीत दर्ज करने के बाद भारतीय टीम को दूसरे मैच में दुनिया की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया से 1-7 के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
इस बड़ी पराजय ने भारतीय टीम की हर कमजोरी को उजागर कर दिया। ऑस्ट्रेलिया ने इस मैच में पहले क्वॉर्टर के बाद भारतीय रक्षापंक्ति में मनमाने तरीके से सेंध लगाते हुए गोलों की बौछार कर दी और टूर्नामेंट में अपनी लगातार दूसरी जीत दर्ज की। अप्रैल 2019 में ऑस्ट्रेलिया के ग्राहम रीड के कोच बनने के बाद से यह भारत की सबसे बड़ी हार भी थी।
भारत की कमजोर रक्षापंक्ति पर ऑस्ट्रेलिया ने मैच की शुरुआत से ही दबाव डालकर पहले हाफ में चार और दूसरे हाफ में तीन गोल किये। न्यूजीलैंड के खिलाफ कड़े मुकाबले में जीत दर्ज करने के बाद विश्व रैंकिंग में चौथे स्थान पर काबिज भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पूरी तरह से बेरंग नजर आयी। इन खेलों से पहले कई मुश्किल परिस्थितियों का सामना करने के बाद भारतीयों को वापसी करने के बारे में अच्छी तरह से पता है।
मुख्य कोच ग्राहम रीड विश्व रैंकिंग में नौवें स्थान पर काबिज स्पेन के खिलाफ दमदार वापसी की उम्मीद करेंगे। अंक तालिका के हिसाब से भारत इस समय गोल अंतर के कारण न्यूजीलैंड के बाद चौथे स्थान पर है। इस पूल में शीर्ष पर ऑस्ट्रेलिया और उसके बाद अर्जेंटीना है। स्पेन और मेजबान जापान ने भी दो-दो मैच खेले है लेकिन अभी उनका जीत का खाता नहीं खुला है। छह-छह टीमों के दो पूल से शीर्ष चार-चार टीमें क्वॉर्टरफाइनल के लिए क्वॉलीफाई करेंगी। भारतीय खिलाड़ी रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के करीब नहीं दिख रहे था।
टीम में हरमनप्रीत सिंह, रूपिंदर पाल सिंह और अमित रोहिदास के रूप में तीन विश्व स्तरीय ड्रैग-फ्लिकर होने के बावजूद मैच में छह पेनल्टी कॉर्नर में से वे एक को भी भुनाने में सफल नहीं रहे। यही हाल अग्रिम पंक्ति का भी रहा जहां मनदीप सिंह, शमशेर सिंह, ललित उपाध्याय और दिलप्रीत के खेल ने निराश किया। अंतरराष्ट्रीय हॉकी में मध्य पंक्ति की काफी अहमियत होती है और यहां भी कप्तान मनप्रीत के अलावा कोई भी खिलाड़ी अपने रंग में नहीं दिखा। रुपिंदर, हरमनप्रीत, अनुभवी बीरेंद्र लाकड़ा और रोहिदास जैसे खिलाड़ियों से सजी रक्षापंक्ति को ऑस्ट्रेलिया की आक्रामक शैली ने पूरी तरह से मात दी।
अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश भी ऑस्ट्रेलियाई आक्रमण को रोकने में विफल रहे। भारतीयों के लिए हालांकि मंगलवार का दिन पूरी तरह से अलग होगा और रियो ओलंपिक में ऑस्ट्रेलिया को कोचिंग देने वाले भारत के मुख्य कोच रीड ने कहा कि भारतीय टीम को मौके को भुनाना होगा।
उन्होंने रविवार को हार के बाद कहा था, "हमें बस उनके खिलाफ गोल करके दबाव बनाने की जरूरत है। आपको हर मौके को भुनाना होगा।"
उन्होंने एम्सटेलवीन में यूरो 2017 चैंपियनशिप को याद किया जहां नीदरलैंड बेल्जियम से 0-5 से हार गया था, लेकिन अंततः उन्हें फाइनल में हरा दिया था। रीड ने कहा, ‘‘हम अपने मनोबल को प्रभावित नहीं होने देंगे। हम देखेंगे कि क्या सुधार किया जा सकता है और अगले अभ्यास सत्र और अगले मैच पर ध्यान केंद्रित करेंगे। यही मानसिकता है जिसके साथ हम आगे बढ़ना चाहते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें गेंद को गोल में डालना है।’’ वही दूसरी तरफ स्पेन की कोशिश भी टूर्नामेंट में पहली जीत दर्ज करने की होगी। उसने अर्जेंटीना को 1-1 की बराबरी रोका था लेकिन न्यूजीलैंड के खिलाफ उसे 3-4 से हार का सामना करना पड़ा।