टोक्यो ओलंपिक में भारत को सिल्वर मेडल दिलाने वाली वेटलिफ्टर मीराबाई चानू को सोने का तमगा मिल सकता है। दरअसल 49 क्रिगा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीतने वाली चीन की झीहुई होऊ का डोपिंग रोधी अधिकारियों द्वारा टेस्ट किया जाएगा और यदि वह इसमें विफल रहती हैं, तो भारतीय वेटलिफ्टर मीराबाई चानू का सिल्वर मेडल, गोल्ड में बदल सकता है।
समचार एजेंसी एएनआई के रिपोर्ट के अनुसार डोपिंग रोधी अधिकारियों ने चीन की इस वेटलिफ्टर को अभी टोक्यो में ही रुकने को कहा है, जहां निश्चित रूप से उनका डोपिंग टेस्ट किया जाएगा।
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आपको बता दें कि झीहुई होउ ने शनिवार को कुल 210 किग्रा का भार उठाकर गोल्ड मेडल जीता था। ओलंपिक में इस भार वर्ग में यह एक नया रिकॉर्ड भी है।
क्या है नियम ?
ओलंपिक के नियम के मुताबिक में अगर कोई एथलीट डोपिंग टेस्ट में फेल हो जाता है, जिसने गोल्ड मेडल जीता है। ऐसी स्थिति में सिल्वर मेडल जीतने वाले एथलीट को गोल्ड से सम्मानित किया जाता है।
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वहीं टोक्यो ओलंपिक 2020 में मीराबाई चानू ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था। टोक्यो में जारी इस खेल में भारत का यह पहला पदक भी है।