पिता बंधाते हैं धीरज-
उस हालत में सैम को सांस लेने में बड़ी समस्या होती है। सैम को उनके पिता और साथियों के द्वारा पार्क में लिटाने के बाद उन्हें पानी पिलाया जाता है। उनके पिता उन्हें अपने आपको संभालने और सब्र रखने के लिए कहते हैं। इसी दौरान सैम अपने पिता से पूछती हैं कि क्या उसने अपनी रेस पूरा किया तो उनके पिता उन्हें बताते हैं हां वह रेस जीत चुकी हैं और अब मेडल लेने की बारी है।
ये बिमारी है बेहोश होने का कारण-
सैमी को हृदयजनित बेहोशी की एक आम बीमारी हैं। जिसमें दिमाग तक पहंचने वाली खून की रफ्तार धीरे-धीरे कम होने लगती है। जिससे इंसान बेहोशी की हालत में जाने लगता है। रोचक बात यह है कि वह अपना रेस इस हालत में भी पूरी करती हैं। जिस समय वह बेहोशी की हालत में जाने लगती हैं। आखिरी में उनके पिता हमेशा की तरह फिनीशिंग में खड़े होते हैं।
आठवीं क्लास में पता चला बिमारी के बारे में-
सैम को पिछले 6 साल से इस बिमारी ने घेर रखा है। सैम को पहली बार इस बिमारी के पता तब चला जब उन्होंने 3000 मीटर रेस में हिस्सा लिया था। तब वह कक्षा 8वीं में थी। उस रेस में पहली बार वह बेहोश हुई थी। बेहोशी से बाहर आने बाद वह बहुत सहमी हुई थी।