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सबसे बुजुर्ग जीवित ओलंपिक चैम्पियन क्लेटी ने सेलिब्रेट किया अपना 100वां जन्मदिन

पांच स्वर्ण सहित 10 ओलंपिक पदक जीतने वाली सबसे वृद्ध जीवित ओलंपिक चैम्पियन और हंगरी की पूर्व महिला जिम्नास्ट एग्नेस क्लेटी ने शनिवार को अपना 100वां जन्मदिन मनाया। 

Reported by: IANS
Published : January 09, 2021 20:08 IST
सबसे बुजुर्ग जीवित...
Image Source : GETTY IMAGES सबसे बुजुर्ग जीवित ओलंपिक चैम्पियन क्लेटी ने सेलिब्रेट किया अपना 100वां जन्मदिन

बुडापेस्ट| पांच स्वर्ण सहित 10 ओलंपिक पदक जीतने वाली सबसे वृद्ध जीवित ओलंपिक चैम्पियन और हंगरी की पूर्व महिला जिम्नास्ट एग्नेस क्लेटी ने शनिवार को अपना 100वां जन्मदिन मनाया। वर्ष 1921 में जन्मीं हंगरी की सबसे सफल ओलंपियन क्लेटी ने जिम्नास्टिक में अपने करियर में 10 पदक जीते थे, जिसमें पांच स्वर्ण पदक भी शामिल है। उन्होंने 1952 हेलिंस्की ओलंपिक और 1956 मेलबर्न ओलंपिक में स्वर्ण पदक पदक जीते थे।

क्लेटी शनिवार को अपना 100वां जन्मदिन मना रही है और उन्हें दुनियाभर से उनके जन्मदिन की बधाई भी मिल रही है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के अध्यक्ष थॉमस बाक ने क्लेटी को उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए कहा, " आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। आपकी कहानी वास्तव में प्रेरणादायक है। आपने त्रासदी को दूर करने के लिए ²ढ़ संकल्प और साहस की शक्ति का परिचय दिया है। ये एक महान ओलंपिक चैंपियन की कहानी हैं। एक ओलंपियन के रूप में आपके 10 पदक, उनमें से पांच स्वर्ण, वास्तव में आश्चर्यजनक हैं। मुझे यकीन है कि अगर 1948 लंदन ओलंपिक खेलों प्रतिस्पर्धा करती तो आप और भी अधिक पदक जीत सकती थीं।"

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क्लेटी को हंगरी की सबसे सफल महिला ओलंपिक माना जाता है। उनके अलावा केवल तीन दिग्गज पुरुषों (अलादेर गेरेविच, पाल कोवक्स और रुडोल्फ कोर्पटी) ने तलवारबाजी में हंगरी के लिए अधिक ओलंपिक स्वर्ण पदक जीते हैं।

क्लेटी 1940 और 1944 ओलंपिक के द्वीतीय विश्व युद्ध के कारण रद्द होने से इसमें नहीं खेल पाई थीं। अगर वो इन खेलों में खेलती तो और भी पदक जीत सकती थी। उन्होंने 31 साल की उम्र में 1952 हेलिंस्की खेलों से ओलंपिक में अपना पदार्पण किया था और इसके बाद 35 साल की उम्र में वह जिमनास्टिक के इतिहास में सबसे उम्रदराज स्वर्ण पदकधारी बनी थीं।

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1956 मेलबर्न ओलंपिक के बाद क्लेटी ने आस्ट्रेलिया में ही राजनीतिक शरण प्राप्त कर ली। इवेंट के दौरान ही सोवियत संघ ने हंगरी पर आक्रमण कर दिया था और वह अंतत: इजरायल चली गईं, जहां उन्होंने फिर से शादी की और उसके दो बच्चे थे। बाद में वह ओर्डे विंगेट इंस्टीट्यूट में शारीरिक शिक्षा पढ़ाने लगीं और फिर इजरायल में महिला जिम्नास्टिक कोच बन गईं।

क्लेटी को 2002 में अंतर्राष्ट्रीय जिम्नास्टिक हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया था और इजरायल में खेलों में योगदान देने के लिए 2017 में उन्हें इजरायल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

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