भुवनेश्वर| भारतीय पुरुष हॉकी टीम के अनुभवी स्ट्राइकर रमनदीप सिंह करीब साल बाद फिर से राष्ट्रीय जर्सी को पहनने के लिए बेहद उत्साहित हैं। रमनदीप पिछले साल जून में एफआईएच मेन्स सीरीज फाइनल्स के दौरान चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए थे। भारत को इस टूर्नामेंट में रजत पदक मिला था।
चोटिल होने के बाद रमनदीप तुरंत सर्जरी के लिए घर लौटना पड़ा था। उन्होंने कहा, "जब नीदरलैंड्स में मेरा एमआरआई हुआ तब डॉक्टरों ने मुझसे कहा कि मैं अगले दो साल तक नहीं खेल पाऊंगा। इससे मुझे काफी बड़ा सदमा लगा।"
भारतीय टीम के लिए अब तक 124 मैच खेल चुके रमनदीप ने कहा, " जब मैंने बेंगलुरू में एक डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने मुझसे कहा कि मैं छह महीनों के अंदर वापसी कर सकता हूं। मेरी चोट आसाधारण थी।" चोट के बाद अगले छह महीने रमनदीप के लिए किसी मानसिक और शारीरिक लड़ाई से कम नहीं था।
उन्होंने कहा, "मुझे याद है जब मैं बेंगलुरू स्थित साई सेंटर में रूम में रहता था तो तीन सप्ताह तक मुझे बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। मेरे रूम साथी ही मेरे लिए नाश्ता, खाना और रात का खाना लेकर आते थे। उस दौरान पूरी टीम सपोर्ट स्टाफ ने मेरी काफी मदद की और उन्होंने मेरा हौंसला बढ़ाया।"
रमनदीप एक बार फिर गुरुवार से यहां शुरू होने जा रहे एफआईएच मेन्स सीरीज फाइनल्स के लिए तैयार हैं, जहां टीम को रुस के साथ अपना पहला मैच खेलना है। रमनदीप ने कहा, "मैं फिर से भारत के लिए खेलने को लेकर काफी उत्साहित हूं। इस लम्हे के लिए मैंने कई दिन गिने हैं और अब मैं टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दूंगा।"