एशियाई चैम्पियंस लीग फुटबॉल टूर्नामेंट को 2013 में जब भौगोलिक क्षेत्रों के आधार पर पूर्व और पश्चिम क्षेत्रों में विभाजित करने का फैसला किया गया था तब यह शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक क्षेत्र की टीम ‘ग्रैंड फाइनल’ में पहुंच जाएगी जबकि दूसरे क्षेत्र के कुछ क्लबों ने ग्रुप चरण के मुकाबले भी शुरू नहीं किये हैं।
कोरोना वायरस महामारी के कारण इस बार ऐसा ही हो रहा है। एशिया की शीर्ष 32 टीमों के बीच होने वाले इस मुकाबले की शुरूआत फरवरी में हुई थी लेकिन कोविड-19 के कारण टूर्नामेंट को निलंबित कर दिया गया था।
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छह महीने की देरी के बाद एशियाई चैम्पियंस लीग अगले सप्ताह से एक बार फिर शुरू हो रहा है। सोमवार से शुरू होने वाले पश्चिमी क्षेत्र के मुकाबले कतर में खेले जाएंगे। जहां सऊदी अरब, ईरान, संयुक्त अरब अमीरात और उज्बेकिस्तान के क्लबों के बीच ग्रुप चरण और पहले दो प्ले ऑफ दौर के मुकाबले होंगे।
सितंबर के अंत तक क्षेत्र के फाइनल में जगह पक्की करने वाली टीमों का फैसला हो जाएगा। पश्चिमी क्षेत्र का फाइनल तीन अक्टूबर को होगा। पूर्वी क्षेत्र के मुकाबले 15 नवंबर से खेले जाएंगे। कोविड-19 के कारण मौजूदा यात्रा प्रतिबंध को देखते हुए एशियाई फुटबॉल परिसंघ इससे पहले मैच कराने में असमर्थ है।
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इसका फाइनल 10 दिसंबर से पहले नहीं होने की संभावना नहीं है। चीन से क्वालीफाई करने वाली चार में तीन टीमों ने अभी अपने ग्रुप चरण के छह मैच में से एक भी मुकाबला नहीं खेला है। जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया के क्लबों के भी भी चार-पाँच मैच बाकी हैं।
एएफसी के अध्यक्ष शेख सलमान बिन इब्राहिम अल-खलीफा ने कहा, ‘‘ फुटबॉल या किसी भी खेल से जुड़े हर किसी के लिए यह कठिन समय हैं। मैं आश्वस्त हूं कि हम इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगे।’’