मुंबई: भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने आज अपने पहले अंतरराष्ट्रीय मैच को याद करते हुए कहा कि वह गोल करने के बाद जश्न मनाते हुए अतिउत्साह में पाकिस्तानी प्रशंसकों की तरफ दौड़ पड़े थे। छेत्री चार देशों के इंटरकांटिनेंटल कप मैच में कीनिया के खिलाफ अपना 100 वां अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगे।
छेत्री ने कहा, ‘‘मुझे अभी भी भारत के लिए खेला गया अपना पहला मैच याद है। हम पाकिस्तान में थे। नबी - दा (सैयद रहीम नबी) और मैं टीम में नये खिलाड़ी थे। हमें लग रहा था कि मैदान में उतरने का मौका नहीं मिलेगा लेकिन सुखी सर (सुखविंदर सिंह) ने हम दोनों को टीम में शामिल किया। मैंने गोल किया और अति उत्साहित होकर पाकिस्तानी दर्शकों की तरफ दौड़ पड़ा और जश्न मनाने लगा। ’’
उन्होंने बताया कि मैच के बाद उनकी प्रतिक्रिया पर सब हंस रहे थे। छेत्री ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि देश के लिए 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलेंगे क्योंकि यह अविश्वसनीय है। प्रैक्टिस सेशन से पहले भारतीय कप्तान ने कहा,‘‘मैंने देश के लिए खेलने का सपना देखा था लेकिन कभी यह नहीं सोचा था कि 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलूंगा। यह अविश्वसनीय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा है जो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था और मैं आपको यह नहीं बता सकता हूं कि इससे मैं कितना खुश और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। मैं अपने देश के इतिहास में ऐसा करने वाला सिर्फ दूसरा खिलाड़ी हूं, यह अविश्वसनीय है।’’
छेत्री ने कहा कि मां से बात करने के बाद उन्हें इसका महत्व समझ आया। उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस उपलब्धि के बारे में ज्यादा नहीं सोच रहा हूं। बस मैच की तैयारी पर ध्यान दे रहा हूं। इसके बारे में काफी कुछ पढ़ रहा हूं, काफी संदेश मिल रहे हैं, मैंने मां से बात की तो वह भावुक हो गयीं।’’
उन्होंने कहा कि टीम रैंकिंग में आगे बढ़ने का प्रयास कर रही हैं। छेत्री ने कहा ‘‘हमारी ख्वाहिश रैंकिंग में आगे बढ़ने की हैं। हमें कड़ी मेहनत करने की जरूरत हैं। मैं रैंकिंग को गंभीरता से नहीं लेता। हमारा प्रयास अच्छा खेलकर जीत हासिल करना होता हैं। रैंकिंग में 100 के अंदर आना मुश्किल था और वहां बने रहना और भी ज्यादा मुश्किल है।’’