नई दिल्ली। भारतीय कप्तान सुनील छेत्री ने अब तक के अपने चमकदार करियर में जिस मैच को सर्वश्रेष्ठ करार दिया उसमें वह स्वयं नहीं खेल पाये थे। यह मैच विश्व कप क्वालीफायर में एशियाई चैंपियन कतर के खिलाफ खेला गया था जो गोलरहित ड्रॉ पर छूटा था। भारत ने पिछले साल दोहा में खेले गये इस मैच में मेजबान कतर को गोल नहीं करने दिया था और ड्रा खेला था। छेत्री बुखार के कारण इस मैच में नहीं खेल पाये थे।
उन्होंने अपनी तरफ से काफी कोशिश की लेकिन वह अस्वस्थ होने के कारण स्टेडियम तक नहीं जा पाये थे और उन्हें होटल के अपने कमरे में टीवी पर मैच देखना पड़ा।
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छेत्री ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की वेबसाइट पर लिखा,‘‘मैं हमेशा बाहर बैठकर दर्शक बनने के बजाय मैदान पर जाकर अपनी टीम की मदद करना पसंद करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैच के आखिरी क्षणों में दोनों टीमें गोल करने के लिये आक्रामक हो गयी थी। यहां तक मैं भी उत्साह में चिल्लाने लग गया था। बेहद तनावपूर्ण माहौल था।’’
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भारत ‘अंडरडॉग’ के रूप में उस मैच में उतरा था लेकिन उसने अपने खेल से मेजबान टीम को हतप्रभ कर दिया था। वह भी तब जबकि उसका सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी और वर्तमान में सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय गोल करने वाले फुटबालरों में दूसरे स्थान पर काबिज छेत्री नहीं खेल रहे थे।
छेत्री ने लिखा,‘‘आखिर में रेफरी ने अंतिम सीटी बजायी और मैं भी भावुक हो गया। हमारे खिलाड़ी प्रशंसकों के साथ जश्न मना रहे थे और मैं खुशी में अपने कमरे में उछल रहा था।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा हर दिन नहीं होता जबकि आप एशिया की सर्वश्रेष्ठ टीम को उसकी सरजमीं पर गोल नहीं करने दो। एक ऐसी टीम ने जिस ने उस वर्ष एशिया के प्रत्येक टीम के खिलाफ गोल किये थे। इतने वर्षों में मैं जितने भी मैचों का हिस्सा रहा, उनमें यह सर्वश्रेष्ठ है।’’