भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व डिफेंडर और मोहन बागान के महान खिलाड़ियों में शुमार सुब्रत भट्टाचार्य ने सोमवार को कहा है कि उन्होंने सुनील छेत्री में जो पहली चीज देखी थी वो उनकी सीखने की ललक थी। छेत्री 12 जून को अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल में अपने 15 साल पूरे करने वाले हैं।
सुब्रत ने कहा, "जब आप युवा खिलाड़ियों की देखते हो तो, शायद जिंदगी में कभी एक बार आपका दिल भर आता है। मैंने उस दिन वैसा महसूस नहीं किया था लेकिन मैंने देखा था कि दो युवा खिलाड़ी, जिनमें प्रतिभा है, ललक है और महत्वकांक्षा है। वो दो बच्चे सुनील छेत्री और सुब्रत पॉल थे।"
उन्होंने कहा, "सुनील की जहां तक बात है तो उनमें शीर्ष स्ट्राइकर बनने के गुण दिख गए थे। उनके पास अच्छी तेजी थी और उनकी शूटिंग भी अच्छी थी। जो बात मुझे सबसे अच्छी लगी वो थी जो ललक उन्होंने दिखाई थी। मैं खुद एक लंबा डिफेंडर हूं, तो जब मैंने सुनील को देखा तो मुझे नहीं लगा कि वह गोल कर पाएंगे।"
उन्होंने कहा, "लेकिन उन्होंने खेल को पढ़ने की जो क्षमता दिखाई थी वो शानदार थी। वह लागातार गेंद के साथ भाग रहे थे, अपनी टीम के साथियों को आवाज दे रहे थे। वह सिर्फ पांच फुट सात इंच के हैं लेकिन जब भी सेट पीस होता है वह डिफेंडरों से आगे ही रहते थे। यह एक काफी अहम चीज है जो एक कोच खिलाड़ी में देखता है-- भूख।"
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भट्टाचार्य की बेटी सोनम की शादी छेत्री से ही हुई है। उन्होंने कहा कि छेत्री में ड्रिब्लिंग स्किल्स की कमी है। उन्होंने कहा, "एक जगह है, जहां वे थोड़े कमजोर हैं और वो हैं ड्रिब्लिंग स्किल्स। वो बहुत अच्छे ड्रिब्लर नहीं हैं।"