भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा है कि देश की फुटबॉल टीम को एशियाई खेलों में खेलने का मौका दिया जाना चाहिए था। इंडियन ओलम्पिक संघ (आईओए) ने भारतीय टीम को 18 अगस्त से इंडोनेशिया में शुरू हो रहे एशियाई खेलों में जाने से मना कर दिया था। छेत्री ने में कहा, "भारत अचानक से पदक नहीं जीत जाएगा। आपको टीम को इसके लिए एक मौका देना होगा। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में सभी अधिकारी इसमें मदद करेंगे और खिलाड़ियों को मौका मिलेगा, खासकर अंडर-16 टीम को जोकि काफी अच्छी है।"
छेत्री ने कहा, "ये सरकारी काम है, मेरे हाथ में नहीं है। अगर टीम को मौका मिलता तो यह शानदार होता। जो टूर्नामेंट आयु वर्ग का होता है वो अच्छा होता है। मुझे उम्मीद है कि भविष्य में हम इन चीजों को निपटा सकेंगे।" आईओए के मुताबिक सिर्फ वही टीमें एशियाई खेलों में हिस्सा ले सकती हैं जो कांटिनेंटल स्तर पर 1-8 के बीच में होंगी।
1994 में हिरोशिमा में हुए खेलों के बाद ये पहली बार है कि भारतीय फुटबॉल टीम एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं ले रही है, जहां अंडर-23 टीम खेलती और तय आयु से ज्यादा के तीन खिलाड़ी खेलते हैं।