भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान और मौजूदा सहायक कोच वेंकटेश शनमुगम ने स्पोटर्स साइंस के योगदान की तारीफ की है और कहा है कि इससे खिलाड़ियों को जानकारी हासिल करने में मदद मिली है। वेंकटेश ने एआईएफएफ टीवी से बात करते हुए बताया की उनके शुरुआती दिनों में खिलाड़ियों को तैयार करने में कितनी परेशानी होती थी।
वेंकटेश ने कहा, "पहले स्पोटर्स साइंस जैसी कोई चीज नहीं थी और इसी कारण हम अपनी डाइट को लेकर ज्यादा सख्त नहीं थे। 2000 के बाद हमें फिजियो और डॉक्टर मिले और तब हमें पता चला कि हमें अपने खेल में सुधार करने के लिए क्या करने की जरूरत है।"
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उन्होंने कहा, "पेशेवर खिलाड़ियों की मैदान के बाहर की जानकारी तब उपलब्ध नहीं थी। मैदान पर वो सभी महान थे। बाइचुंग भूटिया, आईएम विजयन जैसे खिलाड़ी एक बार पैदा होते हैं।"
उन्होंने कहा, "लेकिन अगर आप मौजूदा पौध को देखेंगे तो आप समझ पाएंगे कि चीजों को कैसे संभालना है इसकी उन्हें अच्छी जानकारी है। वह ऑफ सीजन में अपने शरीर का अच्छे से ख्याल रख रहे हैं, अपनी डाइट पर ध्यान दे रहे हैं।"