टोक्यो ओलंपिक से दो सप्ताह पहले गुरुवार को यहां नये खेल मंत्री का पद भार संभालने वाले अनुराग ठाकुर ने कहा कि सभी खेल महासंघों, राज्यों और संबंधित पक्षों को साथ लेकर वह एक टीम के रूप में भारत को खेलों में और आगे ले जाने का प्रयास करेंगे।
ठाकुर ने खेल मंत्रालय का पद भार संभालने के बाद पत्रकारों से कहा, "हम सारी टीम के साथ मिलकर देशभर में खेलों को बढ़ाने का काम करेंगे। राज्यों, खेल संस्थाओं, खेल संघों और महासंघों को साथ में लेकर हरसंभव प्रयास करेंगे।"
मणिशंकर अय्यर (2006-2008) के बाद ठाकुर पहले कैबिनेट मंत्री हैं जिन्हें खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी है। नितीश प्रमाणिक को खेल मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है। ठाकुर के पास सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भी जिम्मा है।
उन्होंने कहा, "मैं आभारी हूं प्रधानमंत्री जी का जिन्होंने मेरे ऊपर युवाओं और खेलों को लेकर एक नयी जिम्मेदारी दी है । खेलों के प्रति उनका प्यार और भारत को खेलों में आगे बढाने के लिये जो उन्होंने लगातार मुहिम चलाई है, मैं प्रयास करूंगा कि किरेन जी (पूर्व खेलमंत्री किरेन रीजीजू) उसे जहां तक लेकर गए, मैं उससे आगे उसे ले जाऊं।"
ठाकुर का खेलों से पुराना रिश्ता है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश की तरफ से एक रणजी ट्राफी मैच खेला था तथा वह मई 2016 से फरवरी 2017 तक भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष भी रहे थे।
इससे पहले वह बीसीसीआई के सचिव तथा हिमालच प्रदेश क्रिकेट संघ (एचपीसीए) के अध्यक्ष थे। उनके भाई अरुण धूमल अभी बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष हैं।ठाकुर हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वह इससे पहले वित्त एवं कारपोरेट मामलों के राज्यमंत्री थे।
उन्होंने कहा कि खेलों और राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भूमिका बढाने पर उनका जोर होगा।
ठाकुर ने कहा, "देश के प्रधानमंत्री खेलों के प्रति विशेष रूचि रखने वाले है। उनकी सोच के कारण दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम भारत में बन सका। देशभर में अलग अलग खेलों की मूवमेंट चली। उनकी सोच और सपने पूरे करने का हम हरसंभव प्रयास करेंगे।"
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उन्होंने कहा, "भारत खेलों में अच्छा करे और युवाओं की राष्ट्र निर्माण में भूमिका बढ़े, इस पर जोर रहेगा। इसमें युवा सेवाओं का भी योगदान शामिल होगा। खेलों के क्षेत्र में युवाओं से जुड़े क्षेत्रों में जो भी करना होगा , हम करेंगे।"