नई दिल्ली। निशानेबाजी विश्व कप से मिलने वाला ओलंपिक कोटा हो सकता है कि निकट भविष्य में देखने को नहीं मिले क्योंकि अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) केवल विश्व चैम्पियनशिप और महाद्वीपीय टूर्नामेंट तक ही कोटा स्थान सीमित करने पर विचार कर रहा है। आईएसएसएफ पिछले कुछ समय से ओलंपिक क्वालीफिकेशन मानदंड में बदलाव करने की योजना बना रहा है और हाल में समाप्त हुए तोक्यो ओलंपिक के लिये जिस प्रणाली का इस्तेमाल किया गया था, उसके 2024 पेरिस ओलंपिक में होने की संभावना नहीं है।
भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के एक अंदरूनी सूत्र ने पीटीआई को इसकी पुष्टि की। एनआरएआई के पास क्वालीफिकेशन मानदंड में प्रस्तावित बदलाव संबंधित दस्तावेज हैं। सूत्र ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘‘आईएसएसएफ ने बदलाव के संबंध में अपने दस्तावेज महासंघों को भेजे हैं। इसलिये एक बार प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो विश्व कप से कोई कोटा नहीं मिलेगा और ओलंपिक कोटा केवल विश्व चैम्पियनशिप और महाद्वीपीय टूर्नामेंट तक ही सीमित रहेगा। ’’
भारतीय निशानेबाजों के तोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद कुछेक विशेषज्ञों का मानना है कि उन्होंने (भारतीय निशानेबाजों) काफी आईएसएसएफ विश्व कप में हिस्सा लिया और बड़ी चुनौती से पहले अन्य देशों के प्रतिभागी उनके खेल से वाकिफ हो गये। सूत्र ने कहा, ‘‘कईयों को लगा कि भारतीय निशानेबाजों ने कई सारे विश्व कप में हिस्सा लिया। अब अगर बदलाव होता है तो वे चुन सकते हैं कि कौन से विश्व कप में हिस्सा लिये जाये और किसे छोड़ा जाये। इससे वह प्रत्येक टूर्नामेंट में भाग नहीं लेंगे। ’’
साथ ही मौजूदा एमक्यूएस (न्यूनतम क्वालीफिकेशन स्कोर) की जगह एमओक्यूएस (न्यूनतम ओलंपिक क्वालीफिकेशन स्कोर) ले सकता है और अगर एनआरएआई सूत्रों पर भरोसा किया जाये तो एक निशानेबाज को ओलंपिक में जाने के लिये आईएसएसएफ द्वारा निर्धारित किये गये एक न्यूनतम स्कोर तक पहुंचने की जरूरत होगी।