नयी दिल्ली: विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय मुक्केबाज बने शिव थापा ने इस दौरान किसी और को नहीं बल्कि मैनी पैकियो को भी प्रभावित किया और अब उनकी निगाहें विश्व मुक्केबाजी सीरीज के जरिये अगले साल होने वाले ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने पर लगी हैं।
बैंथमवेंट : 56 किग्रा : के इस 21 वर्षीय मुक्केबाज से पहले विजेंदर सिंह : 2009 : और विकास कृष्ण : 2011 : ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीते थे। शिवा ने दोहा में कांस्य पदक जीता लेकिन वह ओलंपिक कोटा हासिल नहीं कर पाये।
इससे हालांकि शिवा का आत्मविश्वास बढ़ा है और अब वह ओलंपिक कोटा हासिल करने के लिये बेताब हैं।
शिवा ने स्वदेश लौटने के बाद पीटीआई से कहा, विश्व चैंपियनशिप के बाद निश्चित तौर पर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है। अब मुझे खुद पर इतना विश्वास हो गया कि मैं किसी भी मुक्केबाज का सामना कर सकता हूं चाहे वह कजाकिस्तान का हो या उज्बेकिस्तान का। कभी कभी ड्रा से थोड़ा परेशानी होती थी लेकिन अब वह मेरे लिये कोई मायने नहीं रखता।
उन्होंने कहा, मैं विश्व मुक्केबाजी सीरीज में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा क्योंकि उसे जरिये ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया जा सकता है। इसलिए निश्चित तौर पर यह मेरे दिमाग में है। यदि वहां ऐसा नहीं होता तो फिर एशियाई ओलंपिक क्वालीफायर्स भी मार्च में होने हैं।
पिछले साल अमेरिकी डब्ल्यूएसबी फ्रेंचाइजी से खेलने वाले शिवा अच्छे परिणाम हासिल नहीं कर पाये थे लेकिन उन्होंने मुक्केबाजी से जुड़ी कंपनी आयरन माइक प्राडक्शन का ध्यान अपनी तरफ खींचा था।
दोहा में प्री क्वार्टर में अपनी नाकआउट जीत से उन्होंने पैकियो को प्रभावित किया था। पैकियो इस प्रतियोगिता में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने जिस मुक्के से जीत दर्ज की उसे अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ : एआईबीए : की टीवी मैगजीन ने दिन का सर्वश्रेष्ठ पंच करार दिया था।
शिवा ने कहा, जब मैं अपने मुकाबले के लिये रिंग की तरफ जा रहा था तो वह : पैकियो : स्टैंड की तरफ फिलीपीन्स की टीम से मिलने के लिये जा रहे थे। वह मेरे पास से गुजरे और उन्होंने मुझे शुभकामनाएं दी। कतर के मुक्केबाज के खिलाफ नाकआउट जीत के बाद एआईबीए मैगजीन कमेंटेटर ने कहा कि मेरे जिस बायें हुक ने जीत दिलायी थी उसे दिन का सर्वश्रेष्ठ शाट चुना गया और उसने मैनी पैकियो का ध्यान भी अपनी तरफ खींचा। इससे मेरा काफी मनोबल बढ़ा।
उन्होंने कहा, लेकिन मैं निजी तौर पर उनसे नहीं मिल पाया। वह पूरे समय फिलीपीन्स की टीम के साथ रहे।