भारतीय स्ट्राइकर शर्मिला देवी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण खेल गतिविधियां थमने से पहले उन्होंने महिला टीम के साथ बिताये गये प्रत्येक क्षण का पूरा लुत्फ उठाया और खेल शुरू होने पर वह अपने प्रदर्शन से मैदान पर अंतर पैदा करना चाहती हैं। पिछले साल तोक्यो में ओलंपिक परीक्षण प्रतियोगिता में अंतरराष्ट्रीय हॉकी में डेब्यू करने वाली हिसार की 18 वर्षीय फारवर्ड ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम के साथ रहते हुए कप्तान रानी और वंदना कटारिया जैसी सीनियर खिलाड़ियों के खेल को समझने की कोशिश की।
शर्मिला ने कहा, ‘‘मैं वास्तव में भाग्यशाली हूं कि मुझे सुअर्ड मारिन के रूप में इतने अच्छे मुख्य कोच की निगरानी में तथा रानी और वंदना कटारिया जैसी अनुभवी खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका मिल रहा है। मुझे अभी बहुत कुछ सीखना है और मैं यह सुनिश्चित करना चाहती हूं कि मैं देश की अच्छी खिलाड़ी बनने के लिये सब कुछ सही करूं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि हमें जल्द ही फिर से हॉकी खेलने का मौका मिलेगा और मैं वास्तव में खेल शुरू होने और हमारी टीम के शीर्ष टीमों से खेलने पर अपनी टीम के लिये अंतर पैदा करना चाहती हूं। ’’
इस युवा खिलाड़ी ने कहा कि देश का शीर्ष स्तर पर प्रतिनिधित्व करना उनका बचपन का सपना था। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले एक साल से जिंदगी बड़ी तेजी से दौड़ रही है लेकिन मैं इससे अधिक की उम्मीद नहीं कर सकती। मैंने देश की तरफ से खेलने और अपने देश की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ अभ्यास करने का सपना देखा था। मैं जब जूनियर टीम में थी तब मैं उन्हें केवल राष्ट्रीय शिविर के दौरान अभ्यास करते हुए ही देखती थी। ’’