भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफार्मेंस निदेशक सेंटियागो नीवा को उम्मीद है कि अगले महीने राष्ट्रीय शिविर को कम से कम आंशिक रूप से शुरू किया जा सकता है और उन्हें दर्शकों के स्टेडियम में लौटने में भी कोई अड़चन नजर नहीं आती। देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों और मृतकों की संख्या के बावजूद 2017 में भारतीय टीम से जुड़े अनुभवी कोच नीवा को उम्मीद है कि अगले महीने की शुरुआत तक स्थिति में सुधार होगा।
नीवा ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अगले महीने शिविर दोबारा शुरू होगा। अगर सभी मुक्केबाज नहीं भी लौटेंगे तो कम से कम कोर समूह के मुक्केबाज शामिल होंगे।’’
कोर समूह में वे मुक्केबाज शामिल हैं जो पहले ही ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके हैं और जिन्हें भविष्य में क्वालीफायर के जरिये क्वालीफाई करने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। तीन मई को लाकडाउन खत्म होने की स्थिति में शिविर दोबारा शुरू होने की संभावना पर नीवा ने कहा, ‘‘मैं गलत हो सकता हूं लेकिन मुझे लगता है कि हम अगले महीने की शुरुआत में शिविर दोबारा शुरू कर पाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मनुष्यों में विभिन्न स्थितियों में ढलने की क्षमता होती है। मुझे लगता है कि अभूतपूर्व स्थिति में होने के बावजूद यहां लोगों ने वास्तविकता का सामना काफी अच्छी तरह किया है। ’’
इस संकट और खेलों पर इसके असर के संदर्भ में नीवा ने कहा कि चीजें दोबारा कभी पहले जैसी नहीं होंगी लेकिन साथ ही कहा कि लोग भी स्टेडियमों में आने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘एमेच्योर मुक्केबाजी में हमें खाली हॉल में मुकाबले लड़ने की आदत है, इसलिए प्रशंसकों से जुड़ी कोई चिंता नहीं है।’’
नीवा ने कहा, ‘‘लेकिन गंभीरता से कहूं तो हां, लोगों की आवाजाही पर अधिक पाबंदियां होंगी, सुरक्षा और कड़ी होगी, यात्रा करना आसान नहीं होगा लेकिन प्रशंसक पहला मौका मिलने पर ही वापस लौटेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को फर्क नहीं पड़ता। मुझे लगता है कि उन्हें अधिक सतर्क होना चाहिए लेकिन अधिकतर के साथ ऐसा नहीं होता। वे आसानी से वापस लौटेंगे क्योंकि वे लंबे समय से घरों में बंद हैं।’’
नीवा ने कहा, ‘‘उन्हें जोखिम उठाना पसंद है। आप अब भी देख सकते हो। यूरोप और अमेरिका में देखो, लोग लाकडाउन के नियमों का पालन करने को तैयार नहीं हैं। कड़े कदमों के बावजूद वे बार और रेस्टोरेंट में जा रहे हैं। आपको क्या लगता है कि सभी पाबंदियां खत्म होने के बाद वे रुकेंगे?’’
नीवा फिलहाल पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में हैं। वह भारतीय खेल प्राधिकरण के कोचों को आनलाइन लेक्चर देने में व्यस्त हैं। आनलाइन सिखाने के अपने अब तक के अनुभव पर उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की क्लास के अधिक प्रभाव के लिए तकनीक बेहतर होनी चाहिए लेकिन कुल मिलाकर मुझे लगता है कि यह आमने सामने की ट्रेनिंग का साथ दे सकता है। बेशक, यह आमने सामने की ट्रेनिंग की जगह नहीं ले सकता।’’