नई दिल्ली। चोट के कारण दो सत्र तक खेल से दूर रहे भारतीय फुटबॉल टीम के मिड-फिल्डर युगेनसन लिंगदोह ने कहा कि वह ‘फिट’ है और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में वापसी के साथ राष्ट्रीय टीम के प्रतिनिधित्व के लिए तैयार है। इस 34 साल के खिलाड़ी ने भारत को 2019 एशियाई कप में जगह दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी लेकिन क्वालीफिकेशन अभियान के दौरान वह चोटिल हो गये थे। जिसका मतलब था कि वह इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट के लिए टीम में जगह नहीं बना पाये।
आईएसएल में श्री सिमेंट्स ईस्ट बंगाल के प्रतिनिधित्व के लिए तैयार इस खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ मुझे पता है कि चोट के कारण मैं दो साल खेल से दूर रहा हूं लेकिन अब मैं फिट हूं और मैदान में उतरने को तैयार हूं।’’
उन्होंने एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) टीवी से कहा, ‘‘ मुझे अब अपना फिटनेस स्तर बरकरार रखना होगा और चयन के लिये तैयार रहना होगा जिससे मैं खेल सकूं।’’ वह यूएई में हुए एएफसी एशियाई कप में टीम का हिस्सा नहीं थे लेकिन टीम के उनके साथी खिलाड़ी और सहायक कोच षणमुघम वेंकटेश का मानना था कि टूर्नामेंट के क्वालीफिकेशन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।
भारत के पूर्व कप्तान वेंकटेश ने कहा, ‘‘एएफसी एशियन कप 2019 के क्वालीफिकेशन में उनका बहुत बड़ा योगदान था। हमें यूएई में उनकी कमी खली थी।’’ भारतीय टीम के मौजूदा कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि इस टूर्नामेंट के लिए क्वालीफिकेशन हासिल करने के पीछे युगेनसन का प्रदर्शन काफी अहम था।
छेत्री ने कहा, ‘‘ एशियाई कप में मुझे और पूरी टीम को उनकी काफी कमी खली थी। हमारी क्वालीफिकेशन में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। ’’ लिंगदोह ने कहा कि फुटबॉल खिलाड़ी को चोटिल होने पर मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, ‘‘फुटबॉल खिलाड़ी के लिए चोटिल होना सबसे मुश्किल परिस्थिति है। यह दिमाग पर असर डालता है। ऐसे में मानसिक रूप से मजबूत रहना जरूरी होता है।’’