भारतीय पहलवान रवि दहिया ने टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा। 57 किग्रा फीस्टाइल रेस्लिंग के फाइनल मुकाबले में रूस के पहलवान जाउर उगुएव ने उन्हें 7-4 से हराया। इसी के साथ भारत का रेस्लिंग में गोल्ड मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया है। भारत इससे पहले रेस्लिंग में कुल 5 पदक जीते थे मगर कभी गोल्ड जीतने में सफल नहीं रहा था। आज रवि दहिया की हार के साथ यह सपना फिर से अधूरा रह गया है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि राज्य सरकार इनाम के तौर पर रवि दहिया को 4 करोड़ रुपये देगी और साथ में क्लास वन सरकारी नौकरी तथा राज्य में जहां वे चाहेंगे वहीं पर 50 प्रतिशत कंसेशन पर प्लॉट दिया जाएगा।
रेस्लिंग में भारत के लिए सबसे पहला मेडल 1952 हेलसिंकी ओलंपिक में केडी जाधव ने पदक जीता था। इसके बाद भारत को 56 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था और 2008 बीजिंग ओलंपिक में सुशील कुमार ने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर सूखा खत्म किया था। इसके बाद सुशील ने ही 2012 लंदन ओलंपिक में सिल्वर मेडल अपने नाम किया था और वह भारत के लिए ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। लंदन ओलंपिक में योगेश्वर दत्त ने ब्रॉन्ज और 2016 रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था।
फाइनल मुकाबले से पहले जाउर उगुएव को ही फेवरेट माना जा रहा था क्योंकि उन्होंने अबतक कुल 15 अंतराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया है जिसमें से 14 में पदक जीता है। इन 14 पदकों में उन्होंने 12 बार गोल्ड पर कब्जा जमाया है। आज उन्होंने अपने नाम एक और गोल्ड मेडल किया।
बात इन दोनों पहलवानों के पहले मुकाबलों की करें तो इससे पहले वर्ल्ड चैंपिनशिप 2019 में ये एक दूसरे से भिड़ चुके हैं। उस मुकाबले में रवि दहिया को 6-4 से हार का सामना करना पड़ा था और इस बार भी रूस का पहलवान रवि दहिया पर भारी पड़ा है।
भारतीय रेसलर रवि दहिया ने 2020 और 2021 एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। उन्होंने 2018 में अंडर-23 चैंपियनशिप में भी सिल्वर मेडल और 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।