नई दिल्ली| मौजूदा विश्व चैम्पियन भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु पिछले साल टोक्यो ओलंपिक के एक साल तक के लिए स्थगित होने से बहुत निराश थी, लेकिन उस दौरान उन्होंने अपने खाली समय का उपयोग अपनी गलतियों को सुधारने में किया।
ओलंपिक पदक विजेता सिंधु कोविड-19 के बाद पहली बार हाल में थाईलैंड ओपन में कोर्ट पर उतरी, जहां उन्हें पहले राउंड में ही हार का सामना करना पड़ा। सिंधु का कहना है कि हार उन्हें हमेशा अगली बार और मजबूती से वापसी करने की याद दिलाती है।
सिंधु ने आईएएएनएस से कहा, "मैंने पिछले साल से काफी कुछ सीखा है। पहली चीज मेरे अंदर संयम थी क्योंकि उस समय कई महीनों तक कोई टूर्नामेंटस नहीं थे। हम बाहर निकल कर बैडमिंटन नहीं खेल सकते थे और इसलिए हमें धैर्य रखने की जरूरत थी।"
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उन्होंने कहा, "मैंने काफी समय अपने परिवार के साथ बिताया क्योंकि बाकी समय तो टूर्नामेंटों के लिए दौरा करने में ही गुजर जाता था। यह पहली बार था जब मैंने अपने परिवार के साथ इतना समय बिताया है। मैं घर पर ही ट्रेनिंग कर रही थी और मैंने धैर्य रखना सीखा।"
सिंधु कोरोना के बाद से पहली बार पिछले सप्ताह कोर्ट पर लौटी थी, जहां उन्हें थाईलैंड ओपन के पहले ही दौर में हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो जाना पड़ा। सिंधु का पिछले साल मार्च में आल इंग्लैंड ओपन के बाद से यह पहला टूर्नामेंट था।
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महिला बैडमिंटन खिलाड़ी ने कहा, "मैं कोर्ट पर वापसी करने को लेकर उत्साहित हूं। इस समय मैं सिर्फ अपने खेल पर ध्यान दे रही हूं।"
25 वर्षीय सिंधु ने आगे कहा कि करियर में हार भी उतनी ही अहम है, जितनी जीत है। विश्व चैम्पियन ने कहा, "मैंने अपनी हार से बहुत कुछ सीखा है। हार आपको अगली बार मजबूती से वापसी करने की याद दिलाती है।"