भारतीय बैडमिंटन के मुख्य कोच पुलेला गोपीचंद को उम्मीद है कि इस बार भारतीय एथलीट ओलंपिक में पदकों की दोहरी संख्या तक पहुंच सकते हैं और उन्होंने विश्व चैम्पियन पीवी सिंधु को स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदारों में से एक करार दिया।
भारत शुक्रवार से शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक में इस बार अपना सबसे बड़ा ओलंपिक दल - 120 से ज्यादा एथलीट - उतार रहा है। गोपीचंद ने एक वेबीनार के दौरान कहा, "मेरा यह भी मानना है और उम्मीद करता हूं कि इस बार भारत अब तक की सबसे ज्यादा पदकों की संख्या जीतने में सफल होगा। लंदन में भारतीय टीम ने छह पदक जीतकर जो किया, हम उसे पीछे छोड़ सकते हैं और हम उम्म्मीद करते हैं कि दोहरी संख्या में पदक जीत सकते हैं।"
उन्होंने कहा, "सरकार से काफी सहयोग मिला है और जिस तरह का हमें सहयोग मिल रहा है, उससे मुझे लगता है कि ज्यादा पदकों से खेल से संबंधित लोगों के हाथ मजबूत होंगे। मेरा यह भी मानना है कि भले ही यह निशानेबाजी हो, कुश्ती हो, मुक्केबाजी हो या फिर भारोत्तोलन में मीराबाई चानू, मुझे लगता है कि उनके पास काफी मौके हैं।"
उन्होंने भारतीय ओलंपिक दल के आधिकारिक भागीदार ध्यान और 'हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट' के गठजोड़ की घोषणा करने वाले वेबीनार के दौरान यह बात कही। साइना नेहवाल और सिंधु को पिछले दो ओलंपिक में क्रमश: कांस्य और रजत पदक दिलाने में मार्गदर्शन करने वाले गोपीचंद का मानना है कि भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों के पास अपने प्रदर्शन को बेहतर करने का अच्छा मौका है।
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उन्होंने कहा, "बैडमिंटन में हमारे पास मौके हैं, निश्चित रूप से रियो और लंदन के प्रदर्शन से बेहतर करने के। इसलिये मुझे उम्मीद है कि सिंधु जीत सकती हैं, वह निश्चित रूप से ओलंपिक में दावेदारों में से एक होंगी। साथ ही चिराग और सात्विक भी, हालांकि उनका ड्रा काफी कठिन है लेकिन मैं उन्हें पदक के संभावितों में देखता हूं। साई प्रणीत के लिये यह मुश्किल होगा। लेकिन उसने विश्व चैम्पियनशिप में काफी अच्छा किया है और मुझे उम्मीद है कि वह उस प्रदर्शन को दोहरा सकता है।"