नई दिल्ली| 2019 में लगी चोटों के कारण पूजा ढांडा टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई करने से चूक गई थीं और 57 किलोग्राम भारवर्ग की ट्रायल्स में अंशु मलिक से हार गई थीं। लेकिन टोक्यो ओलम्पिक के एक साल के लिए स्थगित होने से विश्व चैम्पियनशिप-2018 की कांस्य पदक विजेता को ओलम्पिक खेलने की उम्मीदों को बल मिला है। कोरोनावायरस के कारण ओलम्पिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
आईएएनएस ने जब पूजा से ओलम्पिक स्थगित होने पर उनकी प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा, "मैं बहुत खुश हूं। मैं क्वालीफिकेशन में बुरी रह से फेल हो गई थी और मैं जानती थी कि चोटों के कारण मेरा प्रदर्शन नीचे गया है। इसलिए मेरे लिए तो यह खुशी और सुकून की बात है कि ओलम्पिक एक साल के लिए स्थगित हो गए हैं।"
उन्होंने कहा, "मैंने सीधे इस बात पर ध्यान दिया कि मैं घर में रहकर और बंद खत्म होने के बाद मैं किस चीज पर काम कर सकती हूं। मैंने अपनी टीम से बात की और वह सभी खुश थे और वो खुद भी अपने लिए रणनीतियां बना रहे हैं कि हमें कैसे ओलम्पिक की तैयारी करनी है।"
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पूजा ने कहा कि उन्हें पहले ओलम्पिक खेलों के स्थगित होने की खबर पर विश्वास नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, "जब इस बात का ऐलान हुआ तो मैं कुछ देर तो विश्वास नहीं कर पाई। ओलम्पिक को एक साल के लिए स्थगित कर देना यह बड़ा फैसला था। यह बड़ी हैरानी की बात थी और अच्छा भी है क्योंकि अब मेरे पास अपने प्रदर्शन को सुधारने और वहां जाने का मौका है।"
सभी की तरह पूजा भी इस समय अपने घर हरियाणा के हिसार में ही बंद हैं। उनके पास कुछ जिम उपकरण हैं जिनसे वो ट्रेनिंग करती हैं। उन्होंने कहा, "बंद के कारण जो पाबंदियाएं हैं वो मेरे लिए अभी तक तो अच्छी जा रही हैं। मुझे लंबे समय बाद अपने परिवार के साथ समय बिताने का मौका मिला है। मुझे नहीं पता कि भविष्य में मुझे यह मौका दोबारा कब मिलेगा।"
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने 16 मार्च को पुरुष और महिला राष्ट्रीय कैम्प रद्द कर दिए थे। पूजा ने कहा कि उन्हें लगा था कि यह बीमारी ज्यादा बड़ी नहीं होगी और जल्द ही सभी कुछ सामान्य हो जाएगा। उन्होंने कहा, "जब हम कैम्प से घर लौट कर आए थे तो लगा ही नहीं था कि यह बीमारी इतनी बड़ी हो जाएगी और स्थिति इतनी गंभीर। शुरुआत में तो ठीक था लेकिन एक बार लॉकडाउन लगा तो मुश्किलात हो गई।"
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पूजा ने कहा, "अगर कुछ दिनों के लिए यह होता तो ठीक था लेकिन लंबे समय तक घर में रहते हुए अपने आप को फिट रखने और ट्रेनिंग करने की मुझे आदत नहीं है। शुरुआत में तो मैंने थोड़ी ढिलाई दी लेकिन इसके बाद मुझे अहसास हुआ कि मुझे कुछ इंतजाम करने होंगे ताकि मैं पूरी तरह से ट्रेनिंग कार्यक्रम को पीछे न छोड पाऊं।"
इस खिलाड़ी ने कहा, "मैं अपनी डाइट को लेकर ज्यादा गंभीर हो गई क्योंकि कुछ भी हो मेरा लक्ष्य ओलम्पिक में खेलना है।"