नयी दिल्ली। भारत के पूर्व कप्तान बाईचुंग भूटिया ने पीके बनर्जी को भारतीय फुटबाल का इतिहास पुरूष बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने शिष्यों को भी अच्छे संस्कार दिये। बनर्जी का लंबी बीमारी के बाद शुक्रवार को कोलकाता में निधन हो गया । उनके सबसे कामयाब शिष्यों में से एक भूटिया ने एआईएफएफ के लिये एक कॉलम में लिखा, ‘‘वह न सिर्फ एक अच्छे खिलाड़ी और कोच थे बल्कि महान इंसान भी थे ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘वह मैदान के बाहर हमेशा हमें सिखाते थे कि अच्छा आचरण कैसे करना है। उन्होंने बताया कि कोलकाता मैदान पर शीर्ष स्तर पर खेलने के कारण मीडिया की नजरों में रहते हुए भी विनम्र कैसे बना रहा जा सकता है। ’’
भूटिया ने लिखा ,‘‘वह हमें जिंदगी के सबक देते थे और फुटबाल से इतर भी काफी कुछ सिखाते थे। वह कोच से ज्यादा हमारे लिये सरपरस्त थे। उन्होंने हमें अच्छा इंसान बनने की सीख दी।’’ भूटिया ने 1997 फेडरेशन कप सेमीफाइनल मैच में ईस्ट बंगाल के लिये हैट्रिक लगाई थी जिसके दम पर उनकी टीम ने मोहन बागान पर 4 -1 से जीत दर्ज की। उस मैच को देखने के लिये रिकार्ड सवा लाख दर्शक जुटे थे।’’
मोहन बागान के खिलाफ मैच के दौरान भूटिया को उनके कोच अमल दत्ता से नस्लीय छींटाकशी का सामना करना पड़ा था लेकिन बनर्जी ने सारा दबाव खुद झेला और उसका असर उन पर नहीं पड़ने दिया।
भूटिया ने कहा, ‘‘उस मैच को लेकर काफी हाइप थी और अमल दा ने कुछ गैर जरूरी बयान भी दिया था। प्रदीप दा ने अपने खिलाड़ियों पर दबाव नहीं आने दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रदीप दा इतने शांतचित्त थे और वह मैच में भी दिखा। यही वजह है कि वह खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवा सके। यह मेरे कैरियर के सबसे बड़े मैचों में से एक था।’’