नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के चलते भले ही ज्यादातर भारतीय खिलाड़ी अपने घर या होस्टल के कमरे में बंद हों लेकिन टोक्यो पैरालंपिक की तैयारी में जुटी बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली लखनऊ में अपनी आवासीय सोसाइटी में अस्थायी कोर्ट पर पूर्ण ट्रेनिंग कर पा रही हैं।
जालंधर की 17 साल की यह खिलाड़ी पहले नौ अन्य खिलाड़ियों के साथ राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना की अकादमी में ट्रेनिंग कर रही थी लेकिन मार्च में जब वायरस ने दस्तक दी तो राष्ट्रीय लॉकडाउन से पहले आठ खिलाड़ी अपने घर के लिये रवाना हो चुके थे। उसके बाद उन्होंने एक फ्लैट किराये पर लिया और खन्ना ने उन्हें करीब के पार्क में अस्थायी कोर्ट बनाने में मदद की जिसमें रात को ट्रेनिंग के लिये लाइट की सुविधा भी मुहैया करवायी।
पलक ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मैं प्रत्येक दिन दो शिफ्ट में ट्रेनिंग कर रही हूं। क्योंकि दिन में काफी गर्मी होती है तो मैं सुबह छह बजे शारीरिक अभ्यास से शुरूआत करके साढ़े आठ बजे तक कोर्ट पर खेलती हूं और शाम में भी यह छह से साढ़े आठ बजे ट्रेनिंग का समय है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘खन्ना सर पास में ही रहते हैं और वह हर सत्र में मौजूद रहते हैं। इसलिये मैं लॉकडाउन के कारण ट्रेनिंग से वंचित नहीं हो रही हूं। पलक ने कहा, ‘‘ज्यादातर एथलीट अपने घर या कमरों तक ही सीमित हैं, मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली हूं कि मैं ट्रेनिंग कर पा रही हूं। जब लॉकडाउन खत्म हो जायेगा तो मैं शुरूआत से ट्रेनिंग शुरू नहीं करूंगी और मुझे लगता है कि पैरालंपिक जाने के लिये मैं फायदे में रहूंगी।’’
जन्म से ही पलक के बायें हाथ में विकृति है और उनका तोक्यो पैरालंपिक के लिये महिला युगल में कट में प्रवेश करना निश्चित है क्योंकि वह इस समय विश्व रैंकिंग में पांचवें स्थान पर हैं। अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति द्वारा जारी सूची में शीर्ष छह खिलाड़ियों को स्वत: क्वालीफिकेशन मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘13 क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में से 12 पूरे हो गये थे जबकि अंतिम वाला कोविड-19 के चलते रद्द हो गया था। इन 13 में से शटलर को कम से कम छह में भाग लेना होता है। मैं अभी रैंकिंग में पांचवें स्थान पर हूं और शीर्ष छह स्वत: ही क्वालीफाई हो जाते हैं तो मेरा तोक्यो पैरालंपिक के लिये जाना निश्चित है।’’