Friday, November 22, 2024
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पैरालंपिक में भारत के पदकों की 'हैट्रिक': भाविनाबेन-निषाद के नाम हुआ रजत, विनोद ने कांस्य जीता

भाविनाबेन पटेल ने टेबल टेनिस और निषाद कुमार ने ऊंची कूद में जहां रजत पदक जीते वहीं विनोद कुमार चक्का फेंक में कांस्य पदक हासिल करने में सफल रहे।

Reported by: Bhasha
Published on: August 29, 2021 20:15 IST
Paralympics: Nishad Kumar Bhavinaben Patel wins silver,...- India TV Hindi
Image Source : TWITTER Paralympics: Nishad Kumar Bhavinaben Patel wins silver, Vinod Kumar wins bronze

भारत के लिये पैरालंपिक खेलों में रविवार का दिन पदकों की सौगात लेकर आया तथा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविनाबेन पटेल और ऊंची कूद के एथलीट निषाद कुमार ने जहां रजत पदक जीते वहीं विनोद कुमार चक्का फेंक में कांस्य पदक हासिल करने में सफल रहे।

भाविनाबेन टेबल टेनिस क्लास 4 स्पर्धा के महिला एकल फाइनल में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी चीन की झाउ यिंग के खिलाफ 0-3 से शिकस्त का सामना करना पड़ा लेकिन वह एतिहासिक रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी बनने में सफल रहीं।

निषाद कुमार ने पुरूषों की ऊंची कूद टी47 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड के साथ रजत पदक जीता। विनोद कुमार ने भी पुरुषों के चक्का फेंक की एफ52 स्पर्धा में एशियाई रिकार्ड बनाया और कांस्य पदक अपने नाम किया। भारत के इस तरह से वर्तमान खेलों में दो रजत और एक कांस्य पदक सहित कुल तीन पदक हो गये हैं और वह अभी पदक तालिका में 45वें स्थान पर है।

टोक्यो पैरालंपिक में भारत का खाता 34 वर्षीय भाविनाबेन ने खोला। वह फाइनल में दो बार की स्वर्ण पदक विजेता झाउ से 19 मिनट में 7-11, 5-11, 6-11 से हार गई। भाविनाबेन पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय महिला खिलाड़ी हैं। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) की मौजूदा अध्यक्ष दीपा मलिक पांच साल पहले रियो पैरालंपिक में गोला फेंक में रजत पदक के साथ पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं थी।

पैरालंपिक की टेबल टेनिस स्पर्धा में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनी भाविनाबेन ने कहा, "मैं पदक जीतकर बेहद खुश हूं लेकिन थोड़ी निराश भी हूं। मैं थोड़ी नर्वस हो गई थी।"

व्हीलचेयर पर बैठकर खेलने वाली भाविनाबेन को इस हफ्ते की शुरुआत में अपने पहले ग्रुप मैच में भी झाउ के खिलाफ शिकस्त का सामना करना पड़ा था। भाविनाबेन ने उम्मीद जताई कि उनकी सफलता से दिव्यांगता के प्रति लोगों की धारणा बदलेगी और दिव्यांगों के लिए अधिक मौके बनेंगे। उन्होंने कहा, "बड़े होते हुए मैं जिन चीजों से गुजरी हूं, मैं नहीं चाहती कि दिव्यांग लोगों की अगली पीढ़ी को उन चीजों का सामना करना पड़े।"

पुरुषों की ऊंची कूद की टी47 स्पर्धा में 21 वर्षीय निषाद कुमार ने 2.06 मीटर की कूद लगाकर एशियाई रिकार्ड बनाया और दूसरे स्थान पर रहे। अमेरिका के डलास वाइज को भी रजत पदक दिया गया क्योंकि उन्होंने और कुमार दोनों ने समान 2.06 मीटर की कूद लगायी। एक अन्य अमेरिकी रोडरिक टाउनसेंड ने 2.15 मीटर की कूद के विश्व रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इसी स्पर्धा में एक अन्य भारतीय राम पाल 1.94 मीटर की कूद से पांचवें स्थान पर रहे।

टी47 क्लास स्पर्धा में एथलीट के एक हाथ के ऊपरी हिस्से में विकार होता है जिससे उसके कंधे, कोहनी और कलाई से काम करने पर कुछ असर पड़ता है। हिमाचल प्रदेश के ऊना के कुमार ने एक दुर्घटना में अपना दायां हाथ गंवा दिया, तब वह आठ वर्ष के थे।

भारतीय एथलीटों का पदक बटोरने का अभियान चक्का फेंक में भी जारी रहा जिसकी एफ52 स्पर्धा में 41 वर्षीय विनोद कुमार ने 19.91 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। वह पोलैंड के पियोट्र कोसेविज (20.02 मीटर) और क्रोएशिया के वेलिमीर सैंडोर (19.98 मीटर) से पीछे रहे जिन्होंने क्रमश: स्वर्ण और रजत पदक अपने नाम किये।

विनोद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) से जुड़ने के बाद ट्रेनिंग करते समय लेह में एक चोटी से गिर गये थे जिससे उनके पैर में चोट लगी थी। इसके कारण वह करीब एक दशक तक बिस्तर पर रहे थे और इसी दौरान उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया था। एफ52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है, हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है जिससे खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं।

रीढ़ की हड्डी में चोट वाले या ऐसे खिलाड़ी जिनका कोई अंग कटा हो, वे भी इसी वर्ग में हिस्सा लेते हैं। तीरंदाजी में हालांकि राकेश कुमार और ज्योति बालियान की जोड़ी के क्वार्टर फाइनल से हार के साथ रिकर्व तीरंदाजी प्रतियोगिता के मिश्रित युगल वर्ग में भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। छठी वरीयता प्राप्त इस जोड़ी को मुकाबले के पहले चरण के आखिर में छह अंक का निशाना लगाने का खामियाजा भुगतना पड़ा।

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भारतीय जोड़ी करीबी मुकाबले में तुर्की की ओजनूर क्योर और बुलेंट कोरकमज से 151-153 से हार गयी। इस भारतीय जोड़ी ने इससे पहले अपने पहले दौर के मुकाबले में थाईलैंड के एनॉन औंगापहीनान और प्रफापोर्न होमजानथुइक को 147-141 से हराया था। कंपाउंड वर्ग के महिला एकल में भी ज्योति की हार के साथ भारतीय चुनौती समाप्त हो गयी। ज्योति को पहले दौर में आयरलैंड के केरी-लुईस लियोनार्ड ने 141-137 से शिकस्त दी।

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