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बलबीर सिंह के निधन पर पाक खिलाड़ियों ने दी श्रद्धांजली, महान खिलाड़ी के साथ बताया बेहदरीन इंसान

पाकिस्तान के दिग्गज हॉकी खिलाड़ियों ने कहा कि वह महान खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे जिनसे काफी कुछ सीखा जा सकता है।

Reported by: Bhasha
Updated on: May 26, 2020 13:17 IST
Pak players pay homage to Balbir Singh's death- India TV Hindi
Image Source : FACEBOOK: BALBIR SINGH SR. Pak players pay homage to Balbir Singh's death

नयी दिल्ली। तीन बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता बलबीर सिंह सीनियर को युवाओं के लिये ‘रोलमॉडल’ बताते हुए पाकिस्तान के दिग्गज हॉकी खिलाड़ियों ने कहा कि वह महान खिलाड़ी ही नहीं बल्कि एक बेहतरीन इंसान भी थे जिनसे काफी कुछ सीखा जा सकता है। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और कोच बलबीर सीनियर का लंबे समय से चल रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बाद सोमवार को मोहाली में निधन हो गया। 

लॉस एंजिलिस ओलंपिक (1984) में स्वर्ण पदक जीतने वाले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान हसन सरदार ने भाषा से कहा,‘‘बलबीर सिंह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरे उपमहाद्वीप में एक लीजैंड थे। तीन ओलंपिक स्वर्ण जीतकर उन्होंने महानतम हॉकी खिलाड़ियों में अपना नाम शामिल कर लिया था।’’ 

उन्होंने 1982 दिल्ली एशियाई खेलों के दौरान बलबीर से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा ,‘‘ वह बहुत अच्छे इंसान भी थे। मुझे याद है कि उन्होंने पंजाबी में मुझसे कहा था ‘सान्नू घट्ट गोल करीं (हमारे खिलाफ कम गोल करना) उन्होंने मेरे प्रदर्शन की तारीफ भी की थी।’’ 

अपने दौर के सर्वश्रेष्ठ सेंटर फॉरवर्ड में शुमार हसन के शानदार प्रदर्शन से पाकिस्तान ने 1982 एशियाई खेलों का स्वर्ण और उसी साल मुंबई में विश्व कप जीता था जिसमें वह मैन आफ द मैच रहे थे। इन दोनों टूर्नामेंटों और 1976 मांट्रियल ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता पाकिस्तानी टीम के सदस्य रहे समीउल्लाह को उनके चाचा और 1960 रोम ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता पाकिस्तानी टीम के लिये खेलने वाले मोतिउल्लाह ने बलबीर सीनियर के खेल के बारे में बताया था। 

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समीउल्लाह ने कहा,‘‘बलबीर सीनियर मेरे अंकल मोतिउल्लाह के दौर में खेलते थे। उन्होंने मुझे उनकी रफ्तार और गेंद पर कमाल के नियंत्रण के बारे में बताया। मरहूम ओलंपियन अनवर अहमद ने भी बताया कि बलबीर सीनियर जैसी रफ्तार किसी के पास नहीं थी।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘मैं 1975 के भारत दौरे पर उनसे और ध्यानचंद जी से मिला था और उसे मैं कभी भूल नहीं सकता।’’ सिडनी विश्व कप 1994 जीतने वाली पाकिस्तानी टीम के कप्तान और तीन बार के ओलंपियन शाहबाज अहमद (शाहबाज सीनियर) ने बताया कि 1987 में लखनऊ में इंदिरा गांधी कप के दौरान बलबीर सीनियर ने उन्हें ‘प्लेयर आफ द टूर्नामेंट’ की ट्राफी दी थी और वह उनकी तरबियत के कायल हो गए थे। 

उन्होंने कहा,‘‘मैं तब पहली बार उनसे मिला था और मैने देखा कि वह महान खिलाड़ी ही नहीं बेहद विनम्र और उम्दा इंसान भी हैं। उसके बाद भुवनेश्वर में 2018 विश्व कप के दौरान आखिरी बार उनसे मुलाकात हुई और वह तब भी बिल्कुल नहीं बदले थे। मैं दुआ करता हूं कि उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति मिले। हॉकी ने एक आला खिलाड़ी खो दिया।’’ 

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दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लेफ्ट हॉफ में शुमार और पाकिस्तान के लिये सर्वाधिक अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले वसीम अहमद ने कहा कि बलबीर सीनियर का हॉकी के लिये प्यार एक मिसाल था। उन्होंने कहा,‘‘मैं उनका बहुत बड़ा मुरीद हूं और हॉकी के लिये उनकी मुहब्बत तो मिसाल है। अपने देश के लिये उन्होंने इतनी उपलब्धियां हासिल की और उनका दर्जा किसी महानायक से कम नहीं है। मैं जब उनसे मिला तो मेरे लिये वह किसी हीरो की तरह थे और आने वाली कई पीढियों के लिये रहेंगे।’’

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