बेंगलुरू| भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीम ने आज से एक साल पहले भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में ओलम्पिक क्वालीफायर में जीत हासिल कर टोक्यो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया था। मनप्रीत सिंह की कप्तानी वाली पुरुष टीम ने रूस को कुल 11-3 के स्कोर से मात दे ओलम्पिक में जगह पक्की की थी। वहीं रानी रामपाल की कप्तानी में महिला टीम ने अमेरिका को करीबी मुकाबले में 6-5 से हराया था।
हॉकी इंडिया (एचआई) द्वारा जारी बयान में रानी के हवाले से लिखा गया है, "हमने पहले मैच में 5-1 से जीत हासिल की थी। यह पहली बार था की हमारी महिला टीम कलिंगा स्टेडियम में खेल रही थी और हमने वहां मौजूदा दर्शकों की भीड़ का फायदा उठाया और विपक्षी टीम के खिलाफ कुछ शानदार गोल कर उन्हें परेशान कर दिया। कलिंगा स्टेडियम में अपना पहला मैच इतने बड़े अंतर से जीतने का एहसास अविश्विस्नीय था।"
रानी ने कहा, "पीछे देखती हूं तो मुझे लगता है कि पहले मैच में मिली बड़ी जीत के बाद हम दूसरे मैच में थोड़े लापरवाह हो गए थे। हाफ टाइम तक ड्रेसिंग रूम में काफी गुस्सा, चिल्लाना, नाराजगी थी। हम अपने हाथ से मैच जाने दे रहे थे। हमें वापसी करने के लिए मजबूत मानसिकता की जरूरत थी। मुझे याद है कि मैंने ड्रेसिंग रूम में रोते हुए सविता (उप-कप्तान) की तरफ देखा था और मैं अपने आप से कह रही थी कि यह नहीं हो सकता, हम अपने लोगों के सामने हार नहीं सकते। लेकिन यह मुख्य कोच शुअर्ड मरेन के शब्द थे, 'ऐसे खेलों की घड़ी अभी शुरू हुई है, भूल जाओ की पहले हाफ में क्या हुआ।' इसने काफी अंतर पैदा किया। हम मैदान पर सकारात्मक ऊर्जा के साथ गए और किसी भी कीमत पर गोल करना चाहते थे।"
रानी को लगता है कि इससे मिली सीख उनकी टीम को नीदरलैंड्स जैसी बड़ी टीमों के खिलाफ मदद करेगी। भारतीय महिला टीम को अगले साल अपने पहले ओलम्पिक मैच में नीदरलैंड्स से ही भिड़ना है।
उन्होंने कहा, "उस मैच से सबसे बड़ी सीख हमें यह मिली कि हमें पता चला कि हमारे अंदर वापसी करने की काबिलियत है। अगर चार-पांच साल पुरानी टीम इस स्थिति में होती तो हिम्मत हार जाती, लेकिन अब हमारी मानसिकता मजबूत है और टोक्यो ओलम्पिक में अगले साल जब हम नीदरलैंड्स, जर्मनी, ग्रेट ब्रिटेन जैसी टीम के खिलाफ उतरेंगे तो यह हमारी ताकत होगी।"
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वहीं पुरुष टीम के कप्तान मनप्रीत ने कहा कि टीम ओलम्पिक खेलों की अच्छी तैयारी कर रही है।
उन्होंने कहा, "हम एक टीम के तौर पर अच्छे से आगे बढ़ रहे हैं। इसके लिए कोच ग्राहम रीड का शुक्रिया किया जाना चाहिए जिनके सही तरीकों से हमें मदद मिली और हमारे साइंटिफिक एडवाइजर रोबिन आर्केल का भी जिनकी मदद से हम अपनी पुरानी फिटनेस को हासिल कर सके।"
ओलम्पिक क्वालीफायर को याद करते हुए मनप्रीत ने कहा, "कलिंगा स्टेडियम में खेलना हमेशा से अच्छा रहता है। मैं जब उस माहौल को सोचता हूं तो मेरे रौंगटे खड़े हो जाते हैं। वहां सभी प्रशंसक भारत की हौसलाअफजाई कर रहे थे।"