नई दिल्ली| पूर्व भारतीय निशानेबाज शिमोन शरीफ ने कहा कि ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी चैम्पियनशिप में शीर्ष खिलाड़ी उसी तरह की ‘ प्रतियोगी भावना’ और दबाव महसूस कर रहे हैं जैसा आम प्रतियोगिता में होता है। ऑनलाइन अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी प्रतियोगिता शरीफ की दिमाग की उपज है जिन्होंने बीते शनिवार को सफलतापूर्वक इसके दूसरे सत्र का आयोजन किया था। उन्हें उम्मीद है कि कोविड-19 महामारी के कारण लागू लॉकडाउन जैसी परिस्थितियों में इसका आयोजन नियमित तौर पर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि स्थिति सामान्य होने के बाद भी इस तरह के टूर्नामेंट का आयोजन किया जा सकता है। शरीफ ने भाषा से कहा, ‘‘टूर्नामेंट के बाद इसमें भाग लेने वाले निशानेबाजों दिव्यांशु सिंह पंवार, मनु भाकर (उन्होंने पहले सत्र में भी भाग लिया था) और संजीव राजपूत ने मुझे बताया कि उन्होंने वैसा ही दबाव महसूस किया जैसा कि नियमित प्रतियोगिता में करते है। यह बहुत महत्वपूर्ण है।’’ ओलंपिक और विश्व कप पदक विजेता गगन नारंग ने इस आयोजन का समर्थन करते हुए कहा कि यह शानदार पहल है। मौजूदा समय की शीर्ष राइफल निशानेबाजों में शामिल मेहुली घोष ने भी प्रतिस्पर्धा को महसूस किया। वह इस चैम्पियनशिप के दूसरे सत्र में अतिथि निशानेबाज के तौर पर शामिल हुई थी।
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विश्व कप में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके शरीफ ने कहा, ‘‘ मेहुल इसलिए भाग नहीं ले पायी थी क्योंकि वह प्रतियोगिता के लिए जरूरी समान तैयार नहीं कर सकी थी। उन्होंने इसका सीधा प्रसारण देखा और कहा कि मुकाबला देखते समय भी वह प्रतिस्पर्धा की भावना को महसूस कर पा रही थी।’’
शरीफ ‘ इंडियनशूटिंग डाट काम ’ नाम की वेबसाइट चलाते है और प्रतियोगिता का दो सत्र सफलता पूर्वक आयोजित करने करने के बाद वह आगे की तैयारी कर रहे है। उन्हें इस बात की खुशी है कि वे लॉकडाउन और कड़े प्रतिबंधों के बावजूद निशानेबाजों को अपने खेल के साथ फिर से जुड़ने में मदद कर पाए हैं।